बांसडीह : तहसील मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर कई गांवों जोड़ने वाले मोतीझील पुल की दोनों तरफ का अप्रोच मार्ग ध्वस्त हो गया है. पुल के दोनों तरफ गड्ढे हैं. इस वजह से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.
बताते हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम की बलिया इकाई द्वारा 160 मीटर लम्बा और 8 मीटर चौड़ा पुल सन् 2016 में बना था. इसके बनने में 13 वर्ष लग गये थे. पुल तो बन गया मगर अप्रोच मार्ग बिल्कुल खस्ताहाल है.
तहसील क्षेत्र के मंगलपुरा डुहिमुसी पुल यानी मोतीझील पुल दहताल पर करोड़ों की लागत से तैयार हुआ. प्रदेश के तत्कालीन मंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के प्रयास से यह पुल बना. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2016 के दिसम्बर में पुल का लोकार्पण किया था.
पुल के बने दो-तीन वर्ष ही हुए और दोनों तरफ के मार्ग धंस कर गड्ढों में तब्दील हो गए हैं. इस पुल से दर्जनों गांवों के लोगों का रोज आना-जाना होता है.
इस सड़क से देवडीह, डुहिमुसी, जानकी छपरा, हरदत्तपुर, रुकनपुरा, मंगलपुरा, बलुआ, बरियारपुर, सुल्तानपुर, ताहिरापुर, टोलापुर, मुड़ियारी, कोटवा, महेंद्र, रिगवन, मनियर आदि गांवों के लोग रोज आते-जाते रहते हैं.
ग्रामीणों ने दर्जनों बार मौखिक और लिखित शिकायत भी की लेकिन समस्या दूर नहीं हुई. पुल से बड़ी गाड़ियों का गुजरना बंद हो गया है. सबसे ज्यादा वहां के दोनों तरफ के निवासियों को डर सता रहा है कि छोटे-छोटे बच्चे अगर उस गड्ढे में पड़ जायं तो वे डूब जायेंगे.