बांसडीह,बलिया. मनियर थाना क्षेत्र के रिगवन छावनी, नवका गांव सहित कई गांवों के बचाने हेतु कोटवा सुल्तानपुर रिंग बांध के बीच करीब 1,400 मीटर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य कराया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है, जो कार्य हो रहा है वह गुणवत्ता विहीन है. कटान से बचाने के लिए जो बैग डाले जा रहे हैं वह बाढ़ में नदी में चला जाएगा और इससे बचाव नहीं हो सकता.
आरोप है कि बैग में बालू की जगह मिट्टी डाला गया है. ग्रामीणों ने पूर्व में बाढ़ विभाग द्वारा कराए गए सुरक्षात्मक कार्यों को दिखाया जिसका मामूली अवशेष ही बचा है. पहले किया गया कार्य बाढ़ के दिनों में बह कर चला गया है .
ग्रामीणों ने जिला अधिकारी बलिया से इस निर्माण कार्य के निरीक्षण करने की मांग की है ताकि ठेकेदार और अभियंता इस निर्माण कार्य में मनमानी न कर सके. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि केवल नदी के मुहाने पर ही सुरक्षात्मक कार्य किया जा रहा है जबकि बाढ़ के दिनों में जब घाघरा नदी उफान पर होकर तबाही मचाती है तो उसमें ये सारे बैग नदी में बह कर चले जाएंगे.
लोगों ने मांग की है कि सुरक्षात्मक कार्य वहां पर शुरू किया जाय जहां तक बाढ़ प्रभावित करती है. विरोध करने वालों में शिवजी यादव ,बलिस्टर यादव, अच्छेलाल प्रसाद,जागा साहब सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे. इस संदर्भ में बाढ़ विभाग के सहायक अभियंता इंद्रासन कुमार गौतम से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्टीमेट के हिसाब से काम हो रहा है .
जब उनसे पूछा गया कि कितने का स्टीमेट है तो वह बंगला झांकने लगे. फिर अपने सहयोगियों से पूछ कर बताया कि 3 करोड़ 14 लाख का स्टीमेट है जिसमें बैग डालकर प्लेटफार्म बनाना है. स्लोपिंग करना है और फरों को पानी में डालना है.
हालांकि मौके पर जो बोर्ड है उस पर 700 मीटर कार्य कराए जाने की परियोजना लागत 565. 46 लाख लिखा हुआ है. इस तरह से देखा जाय तो 1,400 मीटर कार्य कराने के लिए करीब 11करोड़ से अधिक की लागत आएगी. ग्रामीणों के अनुसार दो ठेकेदारों द्वारा 1400 मीटर का कार्य कराया जा रहा है.
(बांसडीह से रविशंकर पांडेय की रिपोर्ट)