
इलाहाबाद से आलोक श्रीवास्तव
इलाहाबाद शहर पश्चिम से फिलहाल बसपा से पूजा पाल विधायक हैं. वह 2007 से विधायक हैं, लेकिन तीसरी बार उनका विधानसभा में पहुंचना आसान नहीं है. क्यों कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा से इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष रहीं ऋचा सिंह को मैदान में उतारा है . मुख्यमंत्री का मानना है कि महिला ही महिला को टक्कर दे सकती है. इसलिए मुकाबला दिलचस्प होगा.
पूजा पाल के लिए इस बार आसान नहीं है डगर विधानसभा की
बसपा से विधायक रहे राजू पाल की सन् 2005 में हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप बाहुबली अतीक अहमद और उनके भाई असरफ पर लगा. वर्तमान में भी ये मामला अदालत में है. अतीक अहमद का शहर पश्चिम में न सिर्फ दबदबा है, बल्कि वह यहां से विधायक भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह सांसद भी रहे हैं. शादी के 9 दिन बाद ही राजू पाल की हत्या हो गई थी. 2007 के चुनाव में मायावती ने उसकी पत्नी पूजा पाल को मैदान में उतारा और वह जीत कर विधायक बनीं. वह लगातार दो टर्म से विधायक हैं. लेकिन जनता ने जिस उम्मीद से उन्हें विधानसभा में भेजा था, उस उम्मीद पर वह खरी नहीं उतर पाई. सड़कें खस्ताहाल हैं, ट्रांसफॉर्मर आए दिन खराब होते रहते हैं, जनता से मिलती नहीं.
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टिकट न मिल पाने कि स्थिति में अतीक निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं
मुलायम सिंह- शिवपाल गुट ने ज्योति यादव को इस क्षेत्र से एक साल पहले ही मैदान में उतार दिया था. वह लगातार प्रचार में जुटे थे. क्षेत्र में जगह-जगह उनके बैनर-पोस्टर भी लगे थे, लेकिन अखिलेश ने ऋचा सिंह को मैदान में उतार दिया है. सपा-कांग्रेस में गठबंधन के आसार से इस क्षेत्र से कांग्रेस का शायद ही कोई उमीदवार मैदान में उतरे. इसलिए लड़ाई सपा, बसपा और भाजपा के बीच ही होगी. भाजपा ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. अतीक अपने पुराने गढ़ शहर पश्चिम से ही टिकट चाहते थे, लेकिन उन्हें कानपुर कैंट भेज दिया गया. अब समाजवादी पार्टी पर अखिलेश का दबदबा होने के बाद माना जा रहा है कि अतीक का टिकट कहीं मझधार में न फंस जाए. वैसे सूत्रों का कहना है कि टिकट न मिल पाने कि स्थिति में अतीक निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं.