बेल्थरारोड,बलिया. बलिया-सौनौली राजमार्ग पर उभाव गांव के समीप रेल अंडर पास के किनारे रेलवे पुलिया में मिट्टी भर जाने के कारण पानी का बहाव रुक गया है और क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांव की सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न हो गई है.
रेल विभाग द्वारा रेलवे पुलिया को साफ करा दिया जाता तो खेतों का पानी नदी में चला जाता और किसान अपने खेतों में फसल की पैदावार कर सकते.इसको लेकर सलेमपुर लोकसभा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने कई बार मौका मुवायना कर रेलवे के उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.
बलिया-सोनौली राजमार्ग पर उभांव गांव के पास रेलवे द्वारा पुलिया का जीर्णोद्धार कराया गया.रेलवे के किड़ीहरापुर- गोविंदपुर के तरफ से रेलवे लाइन के किनारे से आने वाला बरसाती पानी इसी पुलिया के रास्ते घाघरा नदी में जाकर गिरता है लेकिन पुलिया के मिट्टी से भर जाने से बहाव बंद है।
रेलवे पुलिया के निर्माण के बाद रेल अधिकारियों द्वारा ग्राम वासियों की गुहार के बावजूद इसे नहीं खोला गया. भारी बरसात के चलते किड़ीहरापुर-गोविंदपुर की तरफ से आने वाला बरसाती नाला नदी में न जाकर गांव की तरफ मुड़ गया है, जिससे बांसपार बहोरवा ,तिरनई, बहोरवा खुर्द, नोनिया पूरा ,मुबारकपुर,तीरनई खुर्द आदि गांव की सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि पानी में डूबी रहती है.
प्रवीण गुप्ता,दया राजभर,प्रमोद मद्देशिया,साहब अहमद,शादाब,नियाजी,भोला यादव,रब्बानी,महमूद,पप्पू, दिलीप गुप्ता,दिनेश गुप्ता,गुलाब चंद गुप्ता,दीप चंद गुप्ता,शाहिद आदि ने बताया कि रेलवे पुलिया बंद होने के चलते पानी इकट्ठा होकर खेतों में भर जाता है ,जिससे किसान खेतों की बुआई नहीं कर पाते हैं.बीते बरसात के दिनों में जबरदस्त बारिश होने के चलते खेतों में और भी ज्यादा जलजमाव हो गया ,जिसके चलते सभी किसानों के खेतों में पानी भर गया है,जिससे किसान अपनी जीविका चलाने को मजबूर हो जायेगें.
सलेमपुर लोकसभा सांसद रवींद्र कुशवाहा द्वारा नाला खोलने के संबंध में पिछली बार डीआरएम वाराणसी तथा तत्कालीन जिलाधिकारी बलिया को पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने से किसानों में काफी आक्रोश है . इन सभी ग्रामवासी किसानों की तरफ से तिरनई गांव के प्रधान प्रतिनिधि रामानंद राजभर ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी है।
(बेल्थरारोड से उमेश गुप्ता की रिपोर्ट)