लोकपाल के लिए आप पार्टी संघर्ष करती रहेगी :संजय सिंह

जन अधिकार पदयात्रा पहुंची नगरा

नगरा(बलिया)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, राज्यसभा सांसद एवं जन अधिकार पदयात्रा के संयोजक संजय सिंह ने कहा कि देश शहीदों की कुर्बानियों से आजाद हुआ है. कांग्रेस एवं भाजपा से देश को आजादी नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि बलिया क्रांतिकारियों की धरती है. यहीं से क्रांति की लौ उठती है. देश में सबसे पहले बलिया आजाद हुआ.जब देश में आपातकाल लगाया गया तो बलिया से ही लोक नायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन की शुरुआत हुई. इस जनपद ने महान क्रांतिकारियों एवं महापुरुषों को दिया है.जब जब देश प्रदेश मे अत्याचार बढ़ा है, बलिया ने देश को राजनैतिक दिशा देने का काम किया.
सिंह बुधवार को जन अधिकार पदयात्रा के दौरान देर रात नगरा में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही. राज्यसभा सांसद ने अपनी आप पार्टी के बनाने के संबंध में बताया कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए कानून बनाने को लेकर राजनीति में आई. लोकपाल के लिए आप पार्टी संघर्ष करती रहेगी. इससे भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकेगा. अगर कानून बना होता तो 2जी घोटाला, कोयला घोटाला, ताबूत घोटाला सहित अन्य कई घोटाले नहीं हुआ होता. जनता के पैसे से ही सांसद विधायक एवं अधिकारियों कर्मचारियों को वेतन मिलता है. लेकिन जनता की आकांक्षाओं को कोई पूरा नहीं करता. उन्होंने कहा कि हम जनता को उसका पूरा अधिकार देने के पक्षधर है. उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा हिंदुस्तान में हिंदू मुस्लिमों को बांटना चाहती है. ताजमहल को तोड़ने की बात करती है. मुस्लिमों द्वारा लाल किला, कुतुबमीनार सहित कई इमारत बनाई गई है. सभी को तोड़ेगी भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा कहती है कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे. कहा कि जब ये राम के नहीं हुए तो किसी और के क्या होंगे. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जब बनारस आए तो कहे कि गंगा ने मुझे बुलाया है. गंगा के लिए करोड़ों खर्च किया गया लेकिन गंगा अभी भी मैली की मैली ही है. नोटबंदी एवं जीएसटी से लोग काफी परेशान हुए.

सभा में इमरान, संजीव सिंह, नीलम यादव, सभाजीत सिंह, अनिल सिंह, अनिता सैनी, विवेक यादव, अंजनी प्रचंड, जगदीश, संदीप, महेंद्र सहित काफी लोग उपस्थित रहे. संचालन सत्येंद्र तिवारी ने किया. नगरा में सभा के संयोजक आम आदमी पार्टी के नेता प्रदीप रहे.

जन अधिकार पदयात्रा बुधवार की रात स्थानीय अतिथि गृह में रुकी तथा दूसरे दिन गुरुवार को चोगड़ा, गड़वार के लिए रवाना हो गई.

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