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नगरा,बलिया. नगरा-सिकंदरपुर मार्ग पर गौरा मदनपुरा गांव के पास बहेरा नाले पर सड़क पर बना गड्ढा जानलेवा हो गया है और इसकी चपेट में आकर एक मासूम की मौत हो गई। इस गड्ढे के कारण इस से पूर्व भी दो वाहन पलट चुके है किन्तु बहेरा नाला में पानी न होने की वजह से किसी की जान नहीं गई और वो बाल बाल बच गए, लेकिन इस बार मासूम बालक बच नहीं सका।
नगरा-सिकंदरपुर रोड दो जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में पड़ता है। नगरा से एकइल तक बेल्थरारोड विधान सभा क्षेत्र का हिस्सा है, वहीं एकइल से सिकंदरपुर तक सिकंदरपुर विधान सभा क्षेत्र में पड़ता है। एकइल से सिकंदरपुर तक बनी सड़क आज भी चाक चौबंद है, लेकिन नगरा से एकइल तक दो साल पहले बनी सड़क कई जगहों पर टूट कर गड्ढों में तब्दील हो गई है।
सबसे खतरनाक और जानलेवा गड्ढा बहेरा नाले के पास का है जिसमें पानी भरे होने के कारण गुरुवार की देर शाम बेटे के साथ जा रहे बाइक चालक ननहुल निवासी अश्विनी उपाध्याय गड्ढे को नहीं समझ पाए और बाइक गड्ढे में पड़ते ही असंतुलित होकर पलट गई।
बाइक पर सवार पिता-पुत्र दोनो गिर पड़े। तीन वर्षीय पुत्र शाश्वत उछल कर नाले के अंदर पानी में चला गया। पिता जब बच्चे को नाले में ढूंढने लगा, बच्चा नहीं मिला तो वह शोर मचाए। चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीण पहुंचे तो किसी तरह बच्चे को नाले से बाहर निकाले लेकिन तब तक बच्चे की मौत हो गई थी।
यदि सड़क में गड्ढा नहीं होता तो मासूम की जान नहीं जाती। इस गड्ढे के वजह से स्लैब ढालने वाली मशीन कुछ माह पूर्व पलट गई थी किन्तु नाले में पानी नहीं था, किसी की जान नहीं गई। इसी तरह तिपहिया वाहन भी गड्ढे में पलट चुका है और उसमें बैठे सवार बाल-बाल बच गए थे। अगर संबंधित विभाग सड़क में बने गड्ढों की देख-रेख करते तो यह गड्ढे दुर्घटना का कारण नहीं बनते और किसी की असामयिक मौत नहीं होती।
(नगरा से संतोष द्विवेदी की रिपोर्ट)