
सिकंदरपुर, बलिया. द्वापरयुग से चली आ रही परम्परा के क्रम में बुधवार को पकड़ी थाना क्षेत्र के चकिया गांव स्थित बागीचे में काशी दास बाबा पूजनोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया. परशुराम पाल के संयोक्तव में आयोजित इस कार्यक्रम में विधि-विधान से काशी दास बाबा का पूजन किया गया.
गाजीपुर जनपद से पधारे पंथी वीरेंद्र पाल ने गांव की खुशहाली के लिए पूजा को संपन्न कराया. इस दौरान पंथी जलते अंगारे पर आराम से चलते देखे गए. साथ ही उन्होंने न सिर्फ खुद खौलती खीर से नहाया बल्कि अन्य लोगों को भी नहलाया. सबसे रोचक बात यह रही कि इस दौरान खोलती खीर से तीन छोटे बच्चों की पीठ पर पंथी ने मालिश किया, लेकिन उन बच्चों का कुछ नुकसान नहीं हुआ. यह देख लोग आश्चर्यचकित थे. वहीं मौके पर मौजूद लोग काशी दास बाबा का जयकारा लगाने लगे. बाद में बच्चों ने बताया कि हमें बिल्कुल ही गर्म महसूस नहीं हो रहा था ऐसा लग रहा था कि मानो दूध बिल्कुल ठंडा है.
लोगों की माने तो कृष्णावतार में गोकुल में देवताओं के राजा इंद्र को प्रसन्न करने के लिए एक विशेष पूजा नगरवासियों द्वारा की जाती थी. इसका कृष्ण ने विरोध कर बंद करा दिया. इसके उपरांत उन्होंने वनसती की पूजा प्रारंभ की जो कालांतर में काशीनाथ बाबा के नाम से पूजा आज तक चली आ रही है. वन सती के पुजारी ही इस पूजा को कराते हैं, जिन्हें पंथी कहते हैं. यह पूजा वर्षा, पशु के निरोग, लोक कल्याण एवं सामाजिक समरसता हेतु की जाती है.
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(सिकंदरपुर संवाददाता संतोष शर्मा की रिपोर्ट)