बैरिया, बलिया. मछली के ठेकेदारों द्वारा संसार टोला तटबंध से लगभग 3 किलोमीटर पूरब बिहार के हिस्से वाली जमीन में बांस के फट्टी व खपाची से बने जाल (बरियार) लगा दिए जाने से पानी का बहाव रुक गया है. इस कारण उत्तर प्रदेश के इलाके में लगभग डेढ़ हजार एकड़ उपजाऊ खेत अभी भी सीपेज, बरसात व बाढ़ के पानी से जलमग्न है. फल स्वरूप खरीफ की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है.
वही सब्जी की खेती जलजमाव के कारण नहीं हो पा रही है. मिर्च और मटर की खेती करने वाले किसान मायूस हैं. यह सोच सोच कर हजारों किसान परेशान है कि पानी नहीं निकलेगा तो रवि की कैसे हुआ ही हो पाएगी. वहीं कृषि मजदूरी पर आधारित जीवन यापन करने वालों के समक्ष भुखमरी की स्थिति है.
इब्राहिमाबाद, नवका टोला, टोलानेकाराय, लक्ष्मण छपरा, शोभा छपरा, धतुरी टोला सहित डेढ़ दर्जन गांव के खेती योग्य बड़ा भूभाग अभी भी जलमग्न है. इब्राहिमाबाद के किसान कुछ ज्यादा ही परेशान हैं. क्योंकि इस गांव के बड़े कृषि योग्य भाग पर हरी मिर्च, टमाटर व मटर की खेती होती है. किंतु इस बार जलजमाव के कारण सब्जियों की खेती नहीं हो पा रही.
इस संदर्भ में इब्राहिमाबाद के प्रधान प्रतिनिधि अखिलेश सिंह सहित दर्जनों किसान एसडीएम, डीएम, विधायक, सांसद सबसे इस समस्या के समाधान के लिए गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है.
मंगलवार को जलजमाव की स्थिति देखने के लिए प्रधान प्रतिनिधि अखिलेश सिंह, अरविंद सिंह अजय सिंह नितेश सिंह मनोज सिंह मुन्ना सिंह हरेंद्र सिंह मोहन साह सहित दर्जनों किसान पाना के बहाव का अवरोध ढूंढते ढूंढते संसार टोला रेगुलेटर से 3 किलोमीटर पूरब बिहार के उस स्थान पर पहुंच गए जहां पानी को बरियार से घेरकर गंगा में जाने से रोक दिया गया है. उक्त लोगों ने मछली के ठेकेदारों से आग्रह भी किया कम से कम 2 दिनों के लिए बरियार हटा दें पानी हम लोगों के खेतों से निकल जाए. किंतु मछली के ठेकेदारों ने यह कह कर बरियार हटाने से मना कर दिया बरियार हटेगा तो मछलियां पानी के साथ गंगा में चली जाएंगी. यह कैसी विडंबना है मछली के मुट्ठी भर ठेकेदार अपने फायदे के लिए क्षेत्र के किसानों को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं. पूरा क्षेत्र जलजमाव से त्रस्त है. बावजूद इसके प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं. लोगों का कहना है की मछली का एक ठेकेदार रसूखदार व्यक्ति है इसके चलते कोई कुछ नहीं कर पा रहा है. इब्राहिमाबाद के किसानों ने इस संदर्भ में जिलाधिकारी से से जरूरी कार्यवाही करने की गुहार लगाई जाएगी है ताकि जलजमाव से डूबे उनके हजारों एकड़ खेत से पानी बाहर निकल कर चला जाय.
(बैरिया से संवाददाता वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)