बलिया. इस मॉनसून सीजन ने बलिया के ज्यादातर इलाकों में जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोल दी है लेकिन बसंतपुर स्थित जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का हाल कुछ ज्यादा ही खराब हुआ पड़ा है. विश्वविद्यालय परिसर पूरी तरह से ताल बना हुआ है.
हालत यह हो गई है कि भारी बारिश के कारण जलजमाव से विश्वविद्यालय के मुख्य गेट से लगभग पांच सौ मीटर दूरी पर स्थित प्रशासनिक कार्यालय तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. रजिस्ट्रार सहित स्टाफ को नाव के ज़रिए प्रशासनिक भवन तक जाना पड़ रहा है. 3 दिनों से ऐसी ही स्थति बनी हुई है.
दरसअल गंगा नदी का जलस्तर बढ़ते ही गंगा का पानी कटहल नाले के जरिए सुरहाताल में पहुंच गया था. गंगा का जलस्तर नीचे हो गया लेकिन नाले में गंदगी और एक रेगुलेटर का फाटक जाम होने की वजह से पानी वापस गंगा में नहीं जा पा रहा.
इस विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कल्पलता पाण्डेय ने जलजमाव से हो रही परेशानियों के बारे में बताया कि इससे पठनपाठन सहित नए एडमिशन पर भी बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने जिला प्रशासन पर जलनिकासी में मदद नहीं करने का भी आरोप लगाया.
वैसे यह पहली बार नहीं है जब विश्वविद्यालय को ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है. पिछले वर्ष भी बरसात के दिनों में विश्वविद्यालय को इस समस्या से जूझना पड़ा था.