बैरिया विधानसभा क्षेत्र में करीब 25 लाख की आबादी आज भी पीने के साफ पानी के लिए तरस रही है। इलाके के ज्यादातर इंडिया मार्का हैंडपंप सूखे पड़े हैं और जिनमें पानी आ रहा है वह गंभीर रूप से प्रदूषित है। शासन-प्रशासन स्तर से कुछ गांवों में पानी की टंकी का आधा-अधूरा निर्माण हुआ लेकिन यह शो-पीस ही बनी हुई हैं। पाइप लाइन नहीं बिछने व अधूरे निर्माण के वजह से अब तक पानी टंकी से पानी का सप्लाई शुरू नही हुआ है।
गंदे पानी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए काफी सारे लोग बोतलबंद पानी खरीद रहे हैं लेकिन बाजारों में बिकने वाला ऐसा बोतलबंद पानी भी किसी सरकारी संस्थान से प्रमाणित नही है,ऐसे में इस पानी की शुद्धता को लेकर पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता।
एक अनुमान के मुताबिक बैरिया विधानसभा क्षेत्र में 45 प्रतिशत लोग बोतलबंद पानी पी रहे हैं जबकि 55 प्रतिशत लोग प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं। गावो में लगे इंडिया मार्का हैंडपंप हो या घरों में लगा हैंडपाईप सभी का पानी दूषित हो गया है। हैंडपंप का पानी निकालने के आधे घण्टे के अंदर पानी पीला हो जा रहा है।
गोविन्दपुर के प्रधान प्रकाश पांण्डेय ने बताया कि दो वर्ष से गांव में पानी टंकी का निर्माण कार्य तो हो चुका है लेकिन पाइपलाइन नही बिछने से अब तक पानी की सप्लाई शुरू नही हुआ है। यही स्थिति भोजपुर, बिसुनपुरा, गोन्हियाछपरा, मझौवा, रामपुर कोडरहा, सोनकीभांट, गंगापुर, मानगढ़, गोपालनगर की भी है। पानी टंकी के निर्माण के बाद भी पानी की सप्लाई शुरू नहीं होने से ग्रामीण आर्सेनिक और अन्य प्रदूषकों से युक्त पानी पीने को मजबूर है।
ग्राम पंचायत दुर्जनपुर के अंतर्गत हनुमानगंज में धन के अभाव में निर्माण कार्य रुका हुआ है। गोपालनगर के प्रधान प्रदीप यादव ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व ही पानी टंकी का निर्माण हो चुका है लेकिन पाइपलाइन नहीं बिछने से पानी की सप्लाई शुरू नही हुई है। आलम यह है कि आर्सेनिक युक्त पानी पीने से आम लोग तरह तरह के बीमारियों के शिकार हो रहे है।
इस बारे में जल निगम के सहायक अभियंता अभिषेक वर्मा ने कहा कि पानी टंकी का निर्माण पूरा होने के बाद भी पानी की सप्लाई शुरू न होने का मामला उनके संज्ञान में नही है। उन्होंने कहा कि अब बताया गया है तो वह मामले की जांच कर त्वरित कार्रवाई करेंगे।
(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)