रामगोविंद चौधरी ने दावा अधिकरण के फैसलों को न्यायालय परिधि से बाहर रखने को गलत बताया

बांसडीह (बलिया) से रविशंकर पांडेय

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने दावा अधिकरण के फैसलों को न्यायालय परिधि से बाहर रखने को गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि प्रतिरोध को कुचलने के लिए इस अधिकरण को बनाया गया है. समाजवादी पार्टी इसका हर स्तर पर विरोध करेगी.

मीडिया को जारी एक बयान में उन्होंने कहा है कि इस अधिकरण के फैसले को न्यायालयों में चुनौती नहीं दी जा सकती है. इसके पीड़ितों को अपनी बेगुनाही का सबूत भी इसी अधिकरण के समक्ष देना होगा. इस असीम अधिकार का साफ अर्थ है कि उत्तर प्रदेश में अब लोकतंत्र, संविधान और न्याय व्यवस्था का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा है कि यूपी लोक तथा निजी सम्पत्ति नियमावली खुद में कानून सम्मत नहीं है. उसके तहत अधिकरण गठित कर उसके निर्णयों को न्यायालयों की परिधि से बाहर रखने का निर्णय तो सीधे-सीधे न्याय व्यवस्था की हत्या है. जो लोग भी लोकतन्त्र, संविधान और भारत की न्याय व्यवस्था में यकीन रखते हैं, उन्हें इस अधिकरण का हर स्तर पर विरोध करना चाहिए.

उन्होंने कहा है कि जिस तरह से 1942 में अंग्रेजों ने आजादी की आवाज को कुचलने के लिए शासन, प्रशासन और कानून का दुरुपयोग किया, जिस तरह से आपातकाल में कांग्रेसी सरकार ने अभियव्यक्ति की स्वतंत्रता छीनने के लिए शासन, प्रशासन और कानून का दुरुपयोग किया, उसी तरह से योगी सरकार भी सूबे हो रहे लूटपाट, हत्या, रेप, जुल्म, टेंडर सेटिंग, तैनाती सेटिंग औऱ अवैध दोहन के खिलाफ उठ रही विरोध की आवाजों को कुचलने के लिए शासन, प्रशासन और कानून का हर स्तर पर दुरुपयोग कर रही है. इसका हर स्तर पर विरोध होना चाहिए.

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