बांसडीह (बलिया) से रविशंकर पांडेय
सरयू (घाघरा) नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है. उफान पर चल रही नदी अब रिंग बंधा को तोड़ने के लिए आतुर दिख रही है. हालांकि मौके पर पहुँचे अधिकारी ने अपनी मौजूदगी में मरम्मत कार्य प्रारंभ करवा दिया.
बताते चलें कि नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. वहीं हजारों एकड़ खेत फसलों सहित सरयू (घाघरा) नदी में समाहित हो चुके हैं. उसके बाद गांवों की तरफ नदी ने रुख कर दिया. अब लोगों की माने तो सोमवार के शाम से ताहिरपुर रिंग बंधा पर खतरा मंडराने लगा है. यदि बंधा टूटा गया तो सैकड़ों गाँव सहित लाखों की आबादी भी पानी में डूब सकती है.
1998 जैसा नदी का रौद्र रूप धारण
इलाकाई लोगों में इतना दहशत है कि कुछ कहने से पहले लोग सोचने लगते हैं. ताहिरपुर में बलिया लाइव की टीम पहुंचीं और बुजुर्गों से बात होने लगी. एक साथ पांच बुजुर्ग महामारी की चर्चा कर रहे थे. बुजुर्गों का कहना है कि एक तरफ कोरोना महामारी चल रही है. ऐसा मंजर हम लोगों ने नहीं देखा था. वहीं सरयू (घाघरा) ने अपना 1998 की तरह रौद्र रूप धारण करना शुरू कर दिया. हम लोगों ने देखा है कि जब भी संकट आता है तो किसान ही महामारी की जद में आते हैं. जब कि ऐसे में पूरा देश सहित विश्व परेशान है. कोरोना का संकट से निजात नहीं पाए तब तक सरयू नदी ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया.
अगर रिंग बंधा टूटा तो तबाही टालना असंभव, तहसीलदार भावुकता में बोले – चिंता न करें हम आ गए
जब देश पर संकट की घड़ी मंडरा रही हो, कोरोना जैसा संक्रमण से हर तरफ भय व्याप्त हो, ऐसे में खुद को सुरक्षित रहते हुए आम जन को जागरूक करना है. वहीं नदियों के जलस्तर वृद्धि से तबाही की आशंका व्यक्त होने लगे, बुजुर्गों द्वारा अतीत की बातों को अधिकारी भी सुनें तो निश्चित ही कोई भी भावुक हो जाएगा. तमाम लोग बैठकर चर्चा में लगे थे कैसे बचा जाय. इसी बीच तहसील प्रशासन को सूचना मिल गई कि रिंग बंधा टूटने की कगार पर है.
तहसीलदार गुलाब चन्द्रा आनन फानन में ताहिरपुर गाँव पहुंचकर प्रधान को बुलाये और रिंग बंधा के मरम्मत का कार्य शुरू करवा दिए. लोग एक दूसरे से बात करने लगे कि पानी में खुद तहसीलदार चलकर आ रहे हैं. शायद ऐसे अधिकारी बहुत कम हैं. तहसीलदार गुलाब चन्द्रा ने मौजूद लोगों से कहा कि आप लोग परेशान न हो. संकट की घड़ी में धैर्य से बड़ा कोई शक्ति नहीं. धैर्य के साथ आप लोग केवल सहयोग दें, कोई दिक्कत नहीं होगी. शासन, प्रशासन की नजर हर तरफ है. हम आप लोगों के दर्द को समझ रहे हैं, जो भी व्यवस्था होगी, हरसंभव कोशिश कर मुहैया करवाया जाएगा.
तहसीलदार गुलाब चन्द्रा ने कहा कि इस क्षेत्र का डीएम भ्रमण करके गए हैं, सब संज्ञान में है. उपजिलाधिकारी के जो भी निर्देश मिल रहे हैं. उन्ही के निर्देशानुसार हर तरफ ध्यान रखा गया है. कोई परेशानी नहीं आएगी. धैर्य बनाये रखें. मंगलवार की सुबह आठ बजे घाघरा के डीएसपी हेड पर 65.150 मापा गया. उच्चत्तम बाढ़ 66.00 है. जबकि खतरा बिंदु 64.01 मापदंड है. बताया जाता है कि हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि नदी में समाहित हो चुकी है. अब गांवों में पानी पहुंचने से लोगों में दहशत है. फसलों की बात की जाए तो मक्का के खेत भी नदी में विलीन हो चुके हैं. धान के खेत किसानों ने तैयार किये थे वो भी सरयू नदी ने नहीं छोड़ा. कुछ खेतों में धान की रोपाई भी हो चुकी थी. किसान उम्मीद लगा रखे थे कि इतना भी बच जाएगा तो घर परिवार के भोजन करने लायक चावल पैदा हो जाएगा. उसे भी नदी ने अपने आगोश में ले लिया.