एमए में हिंदी व समाजशास्त्र विषयों के मान्यता की मांग को लेकर आन्दोलित थे छात्र
बैरिया(बलिया)। श्री सुदृष्टि बाबा स्नातकोत्तर महाविद्यालय सुदिष्टपुरी में विश्वविद्यालय द्वारा एमए हिन्दी व समाजशास्त्र विषयों के विषयों की मान्यता का कागजात आ जाने पर छात्रों का चल रहा आमरण अनशन 26 घंटे बाद समाप्त हो गया. प्राचार्य डा वाहिद ने अनशन पर बैठे
छात्र संघ अध्यक्ष पिंटू मौर्य, उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता व छात्र नेता प्रवीण सिंह को विश्व विद्यालय द्वारा भेजी गई मान्यता के कागजात दिखा कर अनशनकारियों को जूस पिला कर अनशन समाप्त कराया. मान्यता मिलने की सूचना पर महाविद्यालय परिसर में सुदिष्ट बाबा के जयकारे की गूंज गूंजने लगा. अनशन समाप्त कर छात्र सीधे सुदिष्ट बाबा की समाधि पर जाकर मत्था टेके और जयकारे लगाए.
प्राचार्य डा वाहिद ने एमए में उपर्युक्त दोनों विषयों की मान्यता मिलने मे कुलपति के विशेष प्रयास की बात बताई. उप कुल सचिव को भेज कर यहां की स्थिति की जाँच कराकर सारी प्रक्रिया पूरी कराई. इन विषयों में 60-60 छात्रों का प्रवेश होगा.
छात्र संघ अध्यक्ष पिन्टू मौर्य ने कुलपति के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया. वहीँ महाविद्यालय के छात्र नेताओं ने कहा कि हमलोगों का प्रतिनिधि मंडल जाकर कुलपति से मिल कर धन्यवाद ज्ञापित करेगा, तथा हम कुलपति से आगामी सत्र में बीए में अंग्रेजी तथा विज्ञान वर्ग तथा एमए में इतिहास, राजनीति शास्त्र, संस्कृत, अर्थशास्त्र विषयों के पठन-पाठन का गुहार लगाएँगे. हमारे क्षेत्र के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी.
बताते चलें कि पिछले सत्र में महाविद्यालय में एमए में हिन्दी व समाजशास्त्र विषयों के लिए छात्र प्रवेश लिए थे. पठन-पाठन भी हुआ, लेकिन ऐन परीक्षा के समय सारी औपचारिकता पूरी न होने की बात बताते हुए परीक्षा से वंचित रखा गया. तब छात्र आन्दोलन हुआ तो कुलपति ने उन छात्रों के प्रवेश व परीक्षा की दूसरे पड़ोसी रेवती के महाविद्यालय में व्यवस्था कराते हुए सारी औपचारिकता पूरी कर अगले सत्र में मान्यता दिलाने का आश्वासन दिया था.
अनशन स्थल पर पूर्व अध्यक्ष रवि सिंह, संतोष सिंह, छात्र नेता भवानी सिंह, लाल बहादुर शास्त्री, अमित शर्मा, अवशेष सिंह, आदर्श यादव, शनि सिंह, आशीष गोस्वामी आदि काफी संख्या में छात्र उपस्थित थे. जन नायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डा योगेन्द्र सिंह ने मोबाइल पर बताया कि मैं जो आश्वासन देता हूँ वह करने का प्रयास करता हूँ. मै ने कहा था तो सारी फार्मेलिटी पूरा कर मान्यता भी दिला दी. सुदिष्टपुरी के छात्रों के लिए कहा कि हम कभी किसी भी छात्र का नुकसान करना नहीं चाहते. छात्र सुदिष्टपुरी में पठन-पाठन का माहौल बनाएं. गुरुजनों का सम्मान करें. एक एक कर समस्याएं दूर होंगी और महाविद्यालय का विकास होगा.