पूरे गांव में शोक की लहर, सीआईएसफ के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया
श्रीरामपुर घाट पर हुई अंत्येष्टि
दुबहड़(बलिया)। थाना क्षेत्र के नगवां गांव में रविवार को गांव निवासी सीआईएसएफ के जवान के शव पहुंचने से पूरे गांव में मातम छा गया. सूचना मिलते ही ग्रामीण जवान के घर पहुँच कर उनके शव पर माल्यार्पण करने के बाद उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया.
ज्ञात हो कि नगवां निवासी रामदयाल साहु उम्र 51 पुत्र स्व लखीचंद साहु सेना से सन 2000 में सेवानिवृत होकर 2004 में पुनः सीआईएसएफ में भर्ती हुए. जो पिछले कई महीनों से आठवीं आरक्षित वाहिनी में जयपुर में तैनात थे. पिछले कुछ दिनों से वह सांस की बीमारी से काफी परेशानी बढ़ गई थी.
बेहतर इलाज के लिए 29 सितंबर को जयपुर के एपेक्स अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था. जहां उनकी सर्जरी हुई. लेकिन सर्जरी के बाद अत्यधिक ब्लडिंग होने के कारण चिकित्सकों ने उन्हें 4 अक्टूबर को दिल्ली राजीव गांधी कैंसर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जहां उनका इलाज चल रहा था, इसी दौरान 7 अक्टूबर को उनका निधन हो गया.
सूचना पर दिल्ली पहुंचे रामदयाल साहू के बड़े पुत्र रंजीत कुमार ने बताया कि राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में एक दिन सीनियर चिकित्सकों ने इलाज किया, इसके बाद प्रतिदिन जूनियर डॉक्टर ही इन्हें देखते रहे, जिससे इनकी हालत और बिगड़ती गई और उनकी मौत हो गई. उन्होंने उस अस्पताल में इनके इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. 9 अक्टूबर को सुबह 8 बजे इनका शव इनके पैतृक गाँव नगवा पश्चिम टोला पहुंचा. जहाँ पूरे गांव के लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था. ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विमल पाठक ने परिजनों को ढांढस बताते हुए हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया. सूचना पर सीआईएसएफ के गाजीपुर से एएसआई राकेश चंद के नेतृत्व में आए जवानों ने सलामी दे कर उन्हें अंतिम विदाई दी. इसके बाद ग्रामीणों ने तिरंगे लिपटे इस जवान की अंतिम यात्रा निकाली, इसमें सैकड़ों गांव के लोग सम्मिलित रहे. सभी लोगों ने बारी-बारी से अपनी श्रद्धांजलि सीआईएसफ के जवान रामदयाल साहू को अर्पित किया. ज्ञात हो कि जवान रामदयाल साहू के दो पुत्र तथा एक पुत्री है. सबसे बड़े पुत्र रंजीत चौधरी भी सेना के जवान हैं. जो इस समय इंदौर मध्य प्रदेश में तैनात है. छोटे भाई राजेश कुमार गांव पर ही रहकर पढ़ाई करते हैं. वही सबसे बड़ी बहन रीना की शादी हो चुकी है. इस घटना से रामदयाल साहू की पत्नी चंदा देवी का रोते-रोते बुरा हाल था. रामदयाल साहू का अंतिम संस्कार श्रीरामपुर घाट पर किया गया जहां मुखाग्नि उनके जेष्ठ पुत्र रंजीत कुमार ने दी.