

बैरिया(बलिया)। भाजपा विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह के भतीजा अधिवक्ता चन्द्रभूषण सिंह व राजस्व निरीक्षक अनिल कुमार श्रीवास्तव के बीच हुए हाथापाई के बाद पिछले चार दिनों से तहसील का सारा कामकाज ठप पड़ा हैं. कर्मचारियों ने तहसील के सभी कार्यालयों में ताला जड़ दिया है. दो पक्षों के बीच चल रहे संघर्ष में सबसे ज्यादा परेशान वे लोग हैं, जिन्हें खेत कि नापी करनी हैं. इंतखाप निकालवानी हैं, तथा जिन्हें वरासत करानी है अथवा तहसीलदार व उपजिलाधिकारी न्यायालयों में मुकदमों की तारीख है.
शुक्रवार को जब धूप व उमस की वजह से घर से बाहर निकलना कठिन होता है, तब दर्जनों लोग अपना जरूरी काम लेकर बैरिया तहसील में पहुंचे थे. जब उन्होंने देखा कि तहसील में ताला लटक रहा है वे मायूस होकर वापस लौटना पड़ा. नवका गांव के निवासी विशेश्वर यादव को इंतखाप निकालना था, तो हेमन्तपुर निवासी राजेश राम व अर्जुन प्रसाद को खतौनी की जरूरत थी. महेश यादव व सुनील राम को खेत कि नापी करानी है. परन्तु इनकी सुनने वाला कोई नही हैं. तपती धूप में कोई 5 से 10 किमी से चलकर तहसील पहुंचे. तहसील में आये दर्जनों किसानों ने बताया कि अभी खेत खाली हैं. जहाँ कहीं खेत में छोटा मोटा विवाद हो इसी समय नापी कराकर वे उसका हल निकालते हैं. किसानों ने कहा कि हम लोग समय से चाहते हैं कि काम हो परन्तु यहाँ तो कोई उनकी पीड़ा सुनने वाला ही नही हैं.
तहसील में एक मात्र ट्रेजरी खुला है. बाकी सब दफ्तरों में ताले लटक रहे है. लोगों की दुर्गति हो गई है. हद तो यह रही कि शुक्रवार को सुबह दस बजे के लगभग न तो तहसीलदार उपस्थित रहे और न ही उपजिलाधिकारी.
आखिर चाहते क्या हैं कर्मचारी ?
तहसील गेट पर खड़े अपने जरूरी काम से आए पीजी कालेज सुदिष्टपुरी के पूर्व महामंत्री धनंजय सिंह का कहना था कि विवाद हुआ. इस मामले में कानूनगो की तहरीर पर मुकदमा भी दर्ज हुआ. अब यह लोग क्या चाहते हैं? क्या सोच कर जनता को परेशान कर रहे है. पुलिस अपना काम कर रही है. उसमे गिरफ्तारी करना होगा गिरफ्तार करेगी. केस जैसा होगा करेगी. यह लोग जो करके रोज सैकड़ो लोगों को परेशानी में डाल रहे है. उसके लिए कोई दण्ड का प्राविधान हो तो वह होना चाहिए.
तीन बार तहसील में कर्मचारी पीटे गए, क्या ऐसे ही हो और हम काम भी करें, हमे आश्वस्त करना होगा कि ऐसा भविष्य में कभी नहीं होगा- अध्यक्ष बैरिया लेखपाल संघ
बैरिया तहसील लेखपाल संघ अध्यक्ष राजाराम सिंह से जब पूछा गया कि मुकदमा दर्ज है. पुलिस कार्यवाही कर रही है. फिर तालाबन्दी व कार्य बहिस्कार कर जनता को परेशानी में डालने से आप कर्मचारियों को क्या लाभ मिल रहा है. आखिर आप लोग तो जनता के सेवक है. जनता के टैक्स से आपको वेतन मिलता है ? के जवाब में अध्यक्ष राजाराम सिंह ने कहा कि जनता को परेशान करने का हमारा कोई इरादा नहीं है. हम आश्वस्त होकर लौटेगे तो तेजी से काम निपटाएगें. हम जनता के सेवक है. बैरिया तहसील में कर्मचारियों के साथ मारपीट की यह तीसरी घटना हो गई. क्या हमसे मारपीट कर ही काम कराया जाएगा? हम लोग अपनी मांग रखे है हमे आश्वस्त किया जाय कि ऐसी घटना अब नही होगी. हम अपने अधिकारी जिलाधिकारी तक अपनी बात पहुंचा दिए है. वह हमारे संगठन सन्तुष्ट करते हुए जो निर्देश देंगे उसका पालन किया जाएगा. जनता ही हमे संतुष्ट करे. क्या जनता यही चाहती है कि कर्मचारियों को मारपीट कर, बेइज्जत करके काम कराए.
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रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार तो बन्द ही करना पड़ेगा, अन्यथा ऐसा ही होगा, इमानदार का करेंगे सम्मान-विधायक
पूछे जाने पर विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा कि छ: माह से आदेश लेकर पीड़ित तहसील का चक्रमण करता रहा. रिश्वत के लिए दौड़ाया जाता रहा. पीड़ित को धक्का दिए फिर मेरे भतीजे पर मुकदमा भी लिखवाए. मैं संविधान व न्याय व्यवस्था को मानने वाला व्यक्ति हूँ. पुलिस जांच कर रही है. जो सही होगा वह करेगी. जनता को परेशान किया जा रहा है. इमानदार व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा. लेकिन रिश्वतखोरों, भ्रष्ट के साथ तो ऐसी घटनाएं होंगी. इमानदार से कहां उलझने का किसी मे हिम्मत है. उसके साथ तो कोई अत्याचार करे तो जनता खड़ी हो जाती है. अब पैसा भी लेंगे, दौड़ाएगे भी तो मार नही खाएगे तो क्या जनता आरती उतारेगी. विधायक ने कहा कि आखिर जनता को लगना भी चाहिए कि मोदीजी व जोगीजी की सरकार है. इमानदार का सम्मान और भ्रष्ट का तिरस्कार. विधायक ने कहा कि अभी गरीबों के विवाह की तैयारी मे व्यस्त हूँ. इस बीच कर लें जनता को परेशान. 18 जून के बाद मैं खुद जनता के लिए तहसील में धूप में भी दरी पर बैठूंगा और इन लोगों को बैठाऊंगा भी. रिश्वतखोरी तो बन्द होगी ही होगी.
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तहसील प्रशासन का पुतला दहन कर जताया आक्रोश
उधर रानीगंज बाजार के युवा व्यापारी व छात्रनेताओं ने शुक्रवार को सुबह दस बजे के लगभग तहसील व जिला प्रशासन का पुतला दहन कर अपना आक्रोश प्रकट किया. चेतावनी दी कि अगर सोमवार से पहले तहसील के कर्मचारी अपना कार्य बहिस्कार स्थगित कर काम पर वापस नहीं होंगे तो बाध्य होकर बाजार बन्द, चक्का जाम व उग्र आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे. जिसकी सारी जिम्मेदारी तहसील के कर्मचारियों व अधिकारियों की होगी.
पुतला दहन में रवि सिंह, सुनील सिंह पप्पू, मंगल सिंह, मंगल सिंह, मिथिलेश चौबे, संतोष सिंह, अमित शर्मा, ददन भारती, प्रेम ठाकुर, मंटू गुप्ता, मिथिलेश केशरी, गणेश केशरी आदि सैकड़ो युवा रहे.