गेंहू क्रयकेन्द्र सुखपुरा में बह रही भ्रष्टाचार की गंगोत्री, आन्दोलन के मूड में किसान

सुखपुरा(बलिया)। गेहूँ क्रय केन्द्र साधन सहकारी समिति सुखपुरा मे सचिव की मनमानी से किसान हलकान है. सुविधा शुल्क लेकर सचिव कुछ भी सुविधा दे देता है. शुक्रवार को पीसीएफ के जिला प्रबन्धक अरुण कुमार व शनिवार को आजमगढ़ से आए क्षेत्रीय प्रबंधक डीएन सिंह के दौरे के समय यह बात पता चली. जहां शासन से एक एक कांटा क्रय केन्द्र को आवंटित हूआ है यहां नजारा कुछ और देखने को मिल रहा है. किसान अपने घर से ही काटा लेकर आ रहे है. मजदूर भी किसानो द्वारा लाया जाता है. पल्ला भी किसानो का पल्लेदारी भी किसान ही देते है. इसके बाद सचिव को प्रति कुन्तल बीस रुपया अलग से देना पड़ता है. जब कि शासन से ढुलाइ व पल्लेदारी के नाम पर सचिव के खाते में पैसा अलग से आता है.
जिला प्रबंधक ने अपने दौरे के क्रम मे सचिव को निर्देश दिया था कि शासन के मंशा अनुरूप छोटे छोटे किसानों को वरीयता दी जाय. लेकिन छोटे किसानो के नाम पर विचौलियों की खरीदारी जमकर हो रही है. जिला प्रबंधक तमाम रजिस्टर अधूरे पाये गये थे. वहीं शनिवार को आए क्षेत्रीय प्रबन्धक आजमगढ़ ने क्रय केन्द्र का नजारा ही कुछ और देखा कि किसान खुले आसमान के नीचे कड़ी धूप मे खुद अपने गेहूँ का बोरा भर रहे है, और अपने द्वारा लाए गए कांटे से तौल भी खुद कर रहे है. किसानो ने बताया कि यह सभी कांटे सचिव द्वारा उपलब्ध कराया गया है. मानक से अधिक कांटा देखकर क्षेत्रीय प्रबंधक ने सचिव को जमकर खरीखोटी सुनाया. किसान देवनाथ यादव, हृदय नरायण शर्मा, आनन्द सिंह, रामेश्वर सिंह, जयराम दूबे का कहना है कि हम लोगो द्वारा बहुत पहले नम्बर लगाया गया. उसके बाद भी खरीदारी नही हो रहा है. किसानो का यह भी कहना है गोदाम से ट्रक पर लोडिग व अनलोडिग के नाम पर भी रूपया लिया जा रहा है. जब कि शासन द्वारा ढुलाई का ठेका होता है. सचिव के लूट खसोट के खिलाफ किसान अब सडक पर उतरने का मन बना रहे है.

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