दिल से ज्यादा महफूज जगह नहीं है दुनिया में, मगर सबसे ज्यादा लोग लापता भी यहीं से होते है!!

सिकंदरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा

लक्ष्मीपुर गांव निवासी राजाराम निषाद की पुत्री नीलम व गोसाई पुर निवासी देव कुमार के पुत्र दीपक की शादी परिवारिक रजामंदी के बाद जल्पा मंदिर के प्रांगण में शुक्रवार की दोपहर संपन्न हुई. शादी में मुख्य भूमिका जिला पंचायत सदस्य रवि यादव ने निभाई. लक्ष्मीपुर निवासी नीलम कुछ माह पूर्व हरियाणा में रह रही अपनी बड़ी बहन के घर शादी में शामिल होने गई थी, जहां गोसाईपुर निवासी देवकुमार किसी कंपनी में रहकर काम करते थे. कुछ दिन पहले उनका पुत्र दीपक भी हरियाणा अपने पिता के यहां गया था. दोनों परिवारों का घर आस-पास ही था.

वहीं दीपक और नीलम एक दूसरे से मिले, दोनों में दोस्ती हुई और वह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई और उन्होंने साथ जीने मरने की कसमें खाई. शादी होने के बाद नीलम अपने गांव लक्ष्मीपुर आ गई. बाद में दीपक को जब इसका पता चला तो वह अपने पिता से गांव जाने की जिद करने लगा और अपने गांव आ गया. गांव आकर दोनों चोरी-छिपे मिलते रहे तथा मोबाइल से बात करते रहे. 

इस बात की जानकारी लड़के के पिता को हुई तो वह हरियाणा से आकर अपने बेटे को समझाने बुझाने लगे. पर जीने मरने की कसमें खा चुका दीपक मानने वाला कहां था. सारी दुनिया को एक तरफ छोड़ अपना प्यार पाने के लिए वह दो दिन पूर्व लड़की के गांव लक्ष्मीपुर पहुंच गया. चुपके से नीलम को अपने घर लेकर आ गया. वहां पर दीपक के पिता उसे स्वीकार नहीं किए और दीपक को उसके घर छोड़ आने को कहे. इस पर दीपक लड़की से शादी करने की जिद पर अड़ गया.

बाद में किसी के द्वारा 100 नंबर डायल कर पुलिस को गोसाईपुर बुला लिया गया. पुलिस दोनों को थाने ले आई. पुलिस ने जब लड़का और लड़की दोनों से बात किया तो दोनों बालिग होने की बात कहें और शादी पर अड़ गए, परंतु लड़के के पिता इस शादी से राजी नहीं थे. तब लड़की के परिवार वालों ने कहा कि यदि शादी हो जाती है तो वह अपनी बेटी और दामाद को अपने यहां रखेंगे. इस बात पर पुलिस द्वारा भी रजामंदी दे दी गई और कुछ संभ्रांत लोगों के सुझाव पर जिला पंचायत सदस्य रवि यादव ने इस शादी का पहल किया तथा शुक्रवार की दोपहर जल्पा मंदिर में ले जाकर विधि-विधान से दोनों की शादी करा दिया. शादी की चर्चा पूरे क्षेत्र में फैली हुई है.

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