पीपा पुल: एक तो देर से बना, उपर से दुरुस्त भी नहीं

दुबहड़(बलिया)। जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर गंगा नदी पर बने पीपापुल के आधा अधूरा निर्माण पर गंगा पार के लोगों में काफी रोष है.
ज्ञात हो कि गंगा नदी पर हर साल 15 अक्टूबर के पहले ही पीपा का पुल का निर्माण हो जाता था. लेकिन इस साल जनप्रतिनिधियों की उदासीनता एवं विभाग की लापरवाही के कारण पीपे के पुल का निर्माण दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक संपन्न हो पाया. उसमें भी पुल के माध्यम से गंगा उस पार जाने के लिए बालू में  मिट्टी में लोहे के चादर को अभी तक नहीं बिछवाया गया है.

जिसके चलते वाहनों से आने जाने वाले तथा पैदल चलने वाले लोगों को ढलान व चढ़ाई पर चढ़ने उतरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में हाल ही में नगर विधानसभा के विधायक आनंद स्वरूप शुक्ला ने पिछले दिनों आनन फानन में नवनिर्मित पीपा के पुल का फीता काटकर उद्घाटन भी कर दिया. जब कि उन्होंने पुल के माध्यम से उस पार जाकर यात्रियों की आने जाने वाली सुविधाओं का  भी ख्याल नहीं रखा.  ठेकेदार को पुल बना कर के आवागमन की उचित व्यवस्था बनाने के लिए रास्ते को  सुगम बनाने का भी जिम्मेदारी विभाग द्वारा दिया जाता है. ऐसे में जिस गति से पीपा पुल बनाने का काम ठेकेदार कर रहे हैं, उसमें विभाग की भी लीपा पोती साफ दिखाई दे रही है. शिवपुर दियर नम्बरी निवासी शिवशंकर पांडेय व समाजसेवी धुरूप सिंह ने पीपा पुल के निर्माण में हुई लापरवाही तथा ठेकेदार की मनमानी के चलते आने जाने में हो रही दिक्कतों के खिलाफ आवश्यक कारवाई करने की भी मांग की है. उनका कहना है कि पीपापुल पर लकड़ी की बल्ली ऐसे तैसे रखा गया है, जिससे जगह जगह पर बड़े बड़े गैप हो गया है. लकड़ी की बल्ली पर भी लोहे की प्लेट नही रखा गया है. बालू में लोहे की चादर एवं पहाड़ जैसे चढाई को सुगम बनाने के लिए रास्ता बनाने की भी मांग की गई है.

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