

दुबहड़ (बलिया)। स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम शहीद मंगल पांडे के पैतृक गांव नगवाँ में शनिवार के दिन लोकतंत्र में जनता के हालात, विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. बैठक में देश की लोकतांत्रिक प्रणाली और जनता के अधिकारों पर गंभीर बहस और चर्चा हुई. बैठक को संबोधित करते हुए मंगल पांडे विचार मंच के संरक्षक डॉ हरेराम ने कहा कि लोकतंत्र के वर्तमान समय में जनता कहने को मालिक है. लेकिन नौकरशाही जिस तरह जनता के ऊपर अपना प्रभाव बनाए हुए हैं, इसको देख कर ऐसा लगता है कि नौकरशाही ही मालिक है, और जनता नौकर. इस परंपरा को बदलने के लिए सरकारों को कार्य करना होगा, तभी जाकर लोकतंत्र की सच्ची परिभाषा से लोगों को अवगत कराया जा सकता है. मंच के अध्यक्ष केके पाठक ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने वीआईपी कल्चर समाप्त कर यह संदेश देने का काम किया कि जनता में किसी प्रकार का हौव्वा न बनाया जाए. यह कदम स्वागत योग्य है. साथ ही उन्होंने जमीनी स्तर पर समस्या झेल रहे किसान, मजदूर, व्यापारी, कारीगर आदि की स्थिति में बदलाव करने के लिए ठोस पहल करने की मांग की. उपाध्यक्ष अंजनी सिंह ने कहा कि आज नौकरशाही जिस तरीके से जनता के मन में नौकरशाही का डर पैदा हो गया है, इसे दूर करने के लिए राज्य तथा केंद्र सरकार को ही पहल करना होगा. तभी जाकर जनता के मन से इन अधिकारी कर्मचारियों और नौकरशाहों के कर्तव्य बोध कराने के लिए जनता में उत्साह का संचार होगा. ऊपर अपने प्रभाव से शासन कर रही है. कहा कि लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए चुने हुए पहरुओ की कमी भी साफ दिखाई दे रही है. जो किसी तरह चुनाव तो जीत जाते हैं. लेकिन जनता के सुख-दुख में साथ रहने की कसम भी खाते हैं. लेकिन उनका किसी प्रकार का कोई सहयोग समय से नहीं मिल पा रहा है. बैठक में मुख्य रूप से से धुरूप सिह, पन्नालाल गुप्ता, अरुण कुमार, गणेश जी, अशोक, मधुकर, राजू मिश्रा, अजय पान्डेय, विजय सिंह, ध्रुव सिंह आदि लोग उपस्थित थे.
