​जीजीआईसी बैरिया : सिर्फ छत बदली, समस्याएं पुरानी

बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र

निर्माणाधीन जीजीआईसी बैरिया (सोनबरसा) के भवन में बुधवार पठन-पाठन का पहला दिन रहा. छात्राएँ बड़े ही उमंग के साथ तैयार होकर पढ़ने पहुंची थी. लेकिन खुशियों के बीच पहुंच कर मायूसी महसूस कीं. वजह उम्मीदों से हट कर थी. यहां तो सिर्फ छत ही बदला था. समस्याएं तो वही पुरानी वाली जस की तस थी.

हाई कोर्ट के सख्त निर्देशों के अनुपालन में गत दो अक्टूबर गांधी जयन्ती के दिन सीडीओ सन्तोष कुमार जल्दी बाजी में इस निर्माणाधीन भवन  में फीता काट कर  छात्राओं को शिफ्ट कराने की हरी झंडी दिखा दिए. अगले दिन अवकाश रखा गया. बुधवार से इस भवन में पठन-पाठन का शुभारम्भ हुआ. लगभग तीन दशक की लम्बी प्रतीक्षा के बाद इस विद्यालय को अपना छत नसीब तो हुआ, लेकिन आधा अधूरा. वर्ष 1988-89 से तत्कालीन विधायक द्वाबा के मालवीय नाम से विख्यात स्व. मैनेजर सिंह के प्रयासों से इस विद्यालय की स्वीकृति मिली थी. तब तात्कालिक तौर पर यह विद्यालय प्रा. वि. बैरिया के भवन में चलने लगा. 

उसके बाद विद्यालय के लिए जमीन व भवन तथा उसके लिए धन को लेकर भाषणबाजी व आश्वासन का खेल लगभग दो दशक तक चला. वर्ष 2011 में  कांग्रेसी नेता विनोद सिंह द्वारा पीआईएल दाखिल करने व लगातार पैरवी करने पर हाई कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद भूमि व भवन निर्माण के लिए धन आना शुरू हुआ. लेकिन कार्य की रफ्तार बहुत ही धीमी रही. फिलहाल आधे अधूरे निर्मित भवन में  पठन-पाठन शुरू हो गया है.

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पहले दिन का पहला अनुभव उमंगें हुईं फीकी

छात्राओं को पूर्व की भांति जमीन पर बैठना पड़ा. फर्नीचर के लिए जिलाधिकारी ने आदेश दिया था. लेकिन कोई नया फर्नीचर नहीं था. कक्षा छ: से आठवीं तक की छात्राएँ जमीन पर ही बैठ कर पढाई कीं. कमरों की भी किल्लत भी रही. लिहाजा 11वीं व 12वीं की छात्राएँ तथा नौवीं व दसवीं की छात्राएँ तथा सातवीं, आठवीं की छात्राएँ एक-एक कक्ष में बैठ कर पढाई कीं. पेयजल व इज़्ज़त घर (शौचालय) जिस पर हाई कोर्ट के कड़े निर्देश हैं, का हाल पूछना क्या ? पानी पीने के लिए छात्राओं को कैम्पस में लगे आर्सेनिक उगलते हैण्ड पाइप के पानी का ही उपयोग करना पड़ा. वजह बोरिंग करके उपर पानी टंकी तो लगाई गयी है. लेकिन उसकी सप्लाई का कनेक्शन सिर्फ इज़्ज़त घर से जुड़ा है. अलग कोई प्वाइंट नही है. जहां पर छात्राएँ पानी पी सकें. इज़्ज़त घर में भी लगी पानी की टोटियां पहले ही दिन ब्रेक डांस करती दिखीं.

हमें शिफ्ट भर कराया गया है, समस्याएं तो सभी वही हैं : प्रधानाचार्या

हमें यहां शिफ्ट भर कराया गया है. समस्याएं तो सभी वही है. लेकिन जो संसाधन है. उसी मे अच्छा से अच्छा करने का प्रयास रहेगा. सुरक्षा की दृष्टि से होमगार्ड लगाए गये हैं. फिर भी मैं ने छात्राओं को निर्देशित किया है कि या तो अपने अभिभावकों के साथ आएं-जाएं या फिर समूह में. बाउन्ड्री वाल अधूरी व कम ऊंची हैं. पेयजल व बिजली की समस्याओं की सूचना उच्चाधिकारियों को दे रही हूँ. आज तो पहला दिन है. कमरे कम है ऐसे मे एक एक कमरे में दो-दो कक्षाएँ व फर्नीचर कम हैं तो छात्राओं को जमीन पर ही बैठाना पड़ा. – डॉ. अर्चना जायसवाल, प्रधानाचार्या, जीजीआईसी, बैरिया, सोनबरसा

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