
बलिया लाइव ब्यूरो
वाराणसी। काशी में वातावरण में प्रदूषण का स्तर मापने और जलवायु परिवर्तन के कारण का पता लगाने बुधवार से बीएचयू से एक अभियान शुरू किया जा रहा है, जो 13 अगस्त तक चलेगा. पहला गुब्बारा तड़के ढाई भौतिकी विभाग से छोड़ा जाएगा. परियोजना पर भौतिकी विभाग,अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी एनएएसए और भारत का इसरो मिलकर काम कर रहे हैं. भौतिकी विभाग के प्रो. अभय सिंह के अनुसार पिछले वर्ष के अभियान में प्राप्त आंकड़ों का सत्यापन भी किया जाएगा. उधर, तबियत बिगड़ने से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मंगलवार के दिन शहर में एक रोड शो को बीच में छोड़कर जाना पड़ा.
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प्रधानमंत्री ने की सोनिया के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनिया के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है. विदित है कि मोदी वाराणसी से भी सांसद हैं. हालांकि प्रधानमंत्री ने भी इसी शहर से गंगा को स्वच्छ करने की बात कही थी. प्राचीन नगर की महिमा का बखान करते हुए उन्होंने शहर के प्रति सम्मान का भी इजहार जब-तब करते रहते हैं. वैसे शहर की गंदगी व प्रदूषित वातावरण से लोगों का रोज पाला पड़ता है. उधर, सोनिया का बीमार पड़ना एक संयोग हो सकता है, मगर बहरहाल नगर एक मुद्दा तो दे ही गया.
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इसरो से आनेवालों का नहीं किया खुलासा
प्रो. सिंह ने बताया कि नासा के वैज्ञानिक प्रो. जीन पॉल और प्रो. मुरली नटराजन वाराणसी पहुंच चुके हैं. हालांकि इसरो से आने वालों के नाम का उन्होंने खुलासा नहीं किया. उनके अनुसार गुब्बारों में सेंसर लगा होगा, जो ऊपरी वायुमंडल में प्रदूषण के तत्वों का अध्ययन करके उनके आंकड़े इकट्ठा करेगा. उनके मुताबिक गुब्बारों से डरने की जरूरत नहीं है. प्रो. सिंह ने बताया कि बीएचयू परिसर से छोड़े जाने वाले गुब्बारे निर्धारित ऊंचाई तक पहुंचने के बाद वाराणसी और इसके आसपास के इलाकों में गिरेंगे.
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