


बांसडीह (बलिया)। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शासन द्वारा जैसे ही एनएच एवं सर्वजनिक स्थानों, अस्पताल, मंदिर व आवासीय स्थानों से दूर शराब की दुकानें हटाने का निर्देश हुआ, वैसे ही शराब कारबारियों की मुश्किलें बढ़ गईं. वे नए ठिकानों की तलाश शुरू कर दिए. इसी क्रम में सरकारी व देसी शराब की दुकानों को कस्बे से हटा कर ग्राम सभा पिंडहरा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने गुमटी में रख कर बेचना शुरू कर दिया. एक दो दिन तो ठीक रहा, लेकिन गुरुवार को उस शराब की दुकान के बगल में रहने वाले घरों की महिलाएं दर्जनों की संख्या में दुकान को वहां से हटाने के लिए विरोध करने लगी.
महिलाओं का उग्र रूप देख चुपचाप सेल्स मैन ने दुकान बन्द कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने नाराज महिलाओं को समझा बुझा कर शांत किया और मौके पर उपस्थित प्रधान प्रतिनिधि राकेश तिवारी छोटे ने भी कहा कि नियमानुसार आवासीय स्थान, मंदिर, विद्यालय, अस्पताल जैसे सर्वजनिक स्थानों के करीब दुकान नहीं रखने का आदेश है. वहीं विरोध कर रही महिलाओं ने तिवारी के नेतृत्व में कोतवाली निरीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा. जिसमे उल्लेख किया गया है कि जब से यह दुकान यहां आई है, पियक्कड़ों का जमावड़ा शुरु हो गया है.

इसके चलते हम महिलाओं को घर से निकलना दूर्भर हो गया है. हम महिलाएं जब शौच के लिए जाती हैं या मन्दिर में पूजा के लिए जाती हैं तो हम सब को इनके छीटाकशी भी झेलना पड़ता है. इस बाबत कोतवाल जगदीश चन्द यादव ने बताया कि शासन द्वारा जो निर्देश जारी हुआ है, उसका पालन किया जाएगा. किसी भी शराब के दुकान पर अगर कोई पिता हुआ पकड़ा गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. इस मौके पर एसआई रविन्द्र राय, भानु प्रताप सिंह, कास्टेबल रामनगीना यादव आदि मौजूद रहे.