लखनऊ। नेता विरोधी दल के लिए भी समाजवादी पार्टी में मगजपच्ची शुरू हो गई है. सपा के नए ट्रेंड के मुताबिक इस मुद्दे पर मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव का खेमा अखिलेश यादव से अलग विचार रखता है. जानकार सूत्र बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव आजम खां को नेता विरोधी दल बनाना चाहते हैं, जबकि अखिलेश यादव ने आठवीं बार विधायक बने राम गोविंद चौधरी को.
इस पर अंतिम निर्णय समाजवादी पार्टी की 16 मार्च को होने वाली विधायक दल की बैठक में लिया जाएगा. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 16 को सभी विधायकों की लखनऊ में बैठक बुलाई है. इसमें हार के कारणों की समीक्षा भी की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने ही आजम का नाम अखिलेश यादव के सामने प्रस्तावित किया है. उनका तर्क है कि आजम संसदीय मामलों के जानकार और अच्छे वक्ता हैं. सदन के भीतर वही सत्ता पक्ष से सवाल कर सकते हैं और किसी भी बात का सटीक जवाब दे सकते हैं. अखिलेश यादव राम गोविंद चौधरी के पक्ष में थे, पर बाद में वह भी आजम के नाम पर सहमत हो गए. इसकी औपचारिक घोषणा 16 को हो सकती है.
सपा इस सरकार से पहले जब विपक्ष में थी, तब मो. आजम खां विरोधी दल के नेता रह चुके हैं. आजम को खुद मुलायम ने शिवपाल की जगह चुना था. इस बार भी शिवपाल का नाम आगे चल रहा था, पर किसी भी विवाद से बचने के लिए मुलायम ने ही आजम का नाम आगे कर दिया है. आजम के नाम पर शिवपाल भी सहमत हो जाएंगे.
लेकिन एक बात आजम खां के राह की रोड़ा है. विधानपरिषद में ईमानदार छवि के रिटायर्ड पुलिस अफसर अहमद हसन लगातार सपा के नेता रहते आएं हैं. वर्तमान राजनीतिक स्थिति देखते हुए समाजवादी पार्टी के लिए कठिन निर्णय होगा कि दोनों सदनों में मुस्लिम सदस्य ही नेता विरोधी दल की कुर्सी पर बैठाए जाएं. इसलिए रामगोविंद चौधरी बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की कोर टीम से जुड़े लोगों की मानें तो रामगोविंद चौधरी उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता विरोधी दल होंगे. अखिलेश के इस फैसले को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भी हरी झंडी दे दी है. पार्टी को मिली करारी हार के बाद अखिलेश यादव पर हमला तेज कर देने वाले उनके चाचा शिवपाल यादव और सरकार में सुपर मुख्यमंत्री का दिखावा करने वाले आजम खां के आलावा अखिलेश -शिवपाल विवाद में मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ खुल कर साथ देने वाले कैबिनेट मंत्री रहे रामगोविंद चौधरी दौड़ में आ गए हैं.
बलिया में बांसडीह से आठवीं बार विधायक चुने गए रामगोविंद चौधरी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ सोशलिस्ट विचारधारा के साथ राजनीति आरम्भ किए. अखिलेश सरकार में मंत्री रहने के बावजूद अब तक विधानसभा में ईमानदार और तेज तर्रार नेता की उनकी छवि बरकरार है.
मंगलवार को लोहिया ट्रस्ट में कार्यवाहक मुख्यमंत्री के साथ सपा नेताओं ने कई घंटे तक हार की समीक्षा के साथ नेता विरोधी दल को लेकर चर्चा किया. इस सन्दर्भ में पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि 16 मार्च को विधायकों लोहिया ट्रस्ट में विधायकों की बैठक होगी. उसके बाद विरोधी दल का नेता चुना जाएगा.