जागृति ए पायनियरिंग सोसाइटी द्वारा निर्मित निःशुल्क सार्वजनिक सुलभ शौचालय का लोकार्पण
रसड़ा (बलिया)। स्वच्छता से ही स्वस्थ समाज की संकल्पना को साकार किया जा सकता है. जब तक गांव, गली, नगर में रहने वाला आम आदमी स्वच्छता के प्रति जागरूक नहीं होगा, स्वस्थ समाज का सृजन नही किया जा सकता है. इस पिछड़े गांव में स्थापित यह निःशुल्क सार्वजनिक सुलभ शौचालय इस दिशा में वरदान साबित होगा. उक्त बातें न्यूजीलैण्ड टेरटेरी स्कूल की चीफ एक्ज्यूटिव सेलीना फोक ने मिरनगंज (दिगरचा) गांव में स्कूल व स्वयं सेवी संस्था जागृति ए पायनियरिंग सोसाइटी द्वारा निर्मित निःशुल्क सार्वजनिक सुलभ शौचालय का सोमवार को लोकार्पण करने के उपरान्त ग्रामीणों को समर्पित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया.
फोक ने कहा कि हम सभी मानव है और प्रत्येक मानव को एक दूसरे से प्रेम करना उसका परम धर्म होना चाहिये. कहा कि संस्था ने हमे यहां की पीड़ा बतायी, इसके सापेक्ष मेरे द्वारा यहां विद्यालय, नहर पर पक्के पुल का निर्माण कराने के बाद स्वस्थ समाज के सृजन की दिशा में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह पहला प्रयोग है और आवश्यकता पड़ी तो इसका लाभ अनेकों गांवों देकर खुले में शौचमुक्त गांव के सपनों को साकार किया जायेगा. मुझे काफी खुशी की अनुभूति हो रही है, यहां के लोगों के प्यार को देखकर, कोशिश होगी कि और भी ऐसे ही पिछड़े गांवों में मेरे द्वारा इस प्रकार के कार्य किये जाये, ताकि लोग गंदगी से होने वाली बीमारियों से बच सके.
इस मौके पर न्यूजीलैण्ड से पधारे सरब्रेन्ट, कामनवेल्थ गेम में तैराक टीम का न्यूजीलैण्ड की तरफ से प्रतिनिधित्व करने वाली महिला तैराक मलिशा, सिस्टर केरा के साथ संस्था की डायरेक्टर मिस माहेश्वरी व प्रबंधक विकास दीप ने संयुक्त रूप से ग्रामीणों में साबुन आदि वितरित कर स्वच्छता के प्रति जागरूक किया. कार्यक्रम के दौरान जागृति स्कूल के बच्चों द्वारा विविध प्रकार के स्वागत गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम के सफल संचालन में प्रधान प्रतिनिधि धनजीत चौहान, लक्ष्मण राजभर, धनन्जय पांडेय, अविनाश, पारितोष जी आदि की सराहनीय सहयोग प्रदान की. आभार व संचालन प्रबंधक विकास दीप ने किया.
ग्रामीणों के प्यार देख भावुक हुए विदेशी स्वयंसेवी
सात समुंदर पार से आए विदेशी सैलानियों को देखने के लिए मिरनगंज (दिगरचा) गांव में ग्रामीण महिलाओं, पुरूषों, बच्चों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. बताते चलें कि न्यूजीलैण्ड की धरती से आये उक्त विदेशी स्वयंसेवियों द्वारा भारत में समाजसेवा का मार्गदर्शन मुम्बई में कार्यालय खोलकर किया जाता है. इस दिशा में उत्तर प्रदेश में उनके द्वारा उत्थान की दिशा में इस गांव को चुने जाने से ग्रामीण फूले नहीं समां रहे थे. इस दौरान विदेशी स्वयंसेवियों ने भले ही यहां के लोगों की बातों को नही समझ पाते थे, किन्तु उनकी प्यार भरी भावनाओं को देख भावुक हो जा रहे थे.