
गाजीपुर। शुक्रवार को गाजीपुर जमानिया मार्ग पर गंगा नदी से कुछ ही दूरी पर सड़क के किनारे नगर पालिका द्वारा ट्रैक्टर व ऑटो से भारी मात्रा में कूड़ा गिराने और जलाते देख कर सामाजिक संस्था समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रज भूषण दुबे अपने सहयोगियों सहित कूड़े पर बैठकर सत्याग्रह शुरू कर दिए.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर डेढ़ किलोमीटर की दूरी में नगर पालिका परिषद जगह-जगह शहर का कूड़ा और कचरा गिराता है. हद तो तब हो जाती है जब पालिका के कर्मचारी कूड़े में मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा देते हैं, जिससे हानिकारक जहरीली गैसें उत्सर्जित होती हैं. श्री दुबे ने कहा कि प्रदेश सरकार उत्तम प्रदेश का नारा दिया, वही केंद्र ने स्वछता अभियान मिशन के प्रचार में अरबों रुपए खर्च कर दिए, किंतु कूड़ा रखने का सुरक्षित स्थान प्रदेश व केंद्र ने गंगा वह अन्य नदियों को ही बना दिया है.
चौक गए मेडिकल कचरे को जलता देख कर
सामाजिक कार्यकर्ता अनूप मिश्रा की दृष्टि कूड़े के ढेर में ही जल रहे चिकित्सालयों के सीरिंज पट्टी व एक्सपायर हुई दवाओं के जलने पर पड़ी तो उन्होंने कहा कि मेडिकल कचरा के धुएं से निकलने वाली हानिकारक गैस है, तो कुछ दिन क्या घंटों में ही मनुष्य की जान जा सकती हैं. पूरा मामला शासन के अलावा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को भेजने का संकल्प लिया गया. सांसद मनोज सिन्हा व जिलाधिकारी संजय खत्री अपनी डिग्री कूड़े कचरे में जला कर प्रदूषक की श्रेणी में अपना नाम दर्ज कराएं .
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सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा जिले के सांसद एवं रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, जहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त किए हैं. वहीं गाजीपुर के जिलाधिकारी संजय खत्री भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. क्या इन्हें भी सार्वजनिक सड़क पर कूड़ा फेंकने जलाने एवं गंगा में कूड़ा डालने का नुकसान समझ में नहीं आता? यदि वह भी इसी प्रकार के हैं तो उन्हें अपनी डिग्रियां इन्हीं कचरों में जला देना चाहिए. कार्यकर्ताओं ने नगरपालिका को नीच निकृष्ट व बेशर्म शब्दों से नवाजा. उक्त अवसर पर हनुमान बिंद, देवानंद निषाद , गुल्लू सिंह यादव, मोहम्मद सरफुद्दीन एवं प्रमोद यादव उपस्थित थे.