बैरिया, बलिया। गंगा नदी की लहरों ने गंगा पार नौरंगा में बनी प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत पर बनी चार पुलिया में से दो पुलिया को अपने आगोश में पहले ही ले चुकी है. अब तीसरी पुलिया के कटने की कयावद तेज होती स्पष्ट दिख रही है.
गंगा की उतरती लहरे अपने साथ किसानों की उपजाऊ खेतों को भी अपने आगोश में लेने को खासा आतुर दिख रही हैं. गंगा की कटान तेजी से खेतों को काटकर अपने पेटे में लेती जारही है। उपजाऊ जमीन( खेत) का गंगा नदी में गिरने का सिलसिला जारी है. गंगा का पेटा चक्की नौरंगा (भगवानपुर) की ओर तेजी से बढ़ रही है. बावजूद इसके जिला प्रशासन खामोश है. अपने खेतों के साथ आशियाने पर संकट से परेशान गांववालों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर प्रशासन की अनदेखी व सौतेलापन का आरोप लगाया है.
ग्रामीणों का आरोप है कि नौरंगा में भीषण कटान को रोकने की प्रशासन ने किसी तरह की कवायद नहीं कर रहा.
प्रशासन का बाढ़ क्षेत्र में पूरा फोकस दुबे छपरा ही है. बताते चले कि गंगा नदी की बाढ़ का पानी खतरा बिंदु से नीचे जाने लगा है. परंतु गंगा की धारा बेकाबू है. विगत एक पखवारा से नौरंगा गांव पर गंगा की लहरे ‘कटार’ बन खेतों को अपने भीतर समेट रही है.
पूर्व प्रधान राजमंगल ठाकुरलकड़ी मिश्र आदि ने बताया कि कटान से पूरा गांव दहशत में है लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
प्रधानमंत्री सड़क पर बनी तीसरी पुलिया पर नदी की लहरे सोमवार की रात से ही चोट कर रही थी, जिसे मंगलवार की सुबह गंगा की कटान नेअपने लपेटे में ले लिया. प्रशासनिक अधिकारी फोन तक को उठाने से परहेज कर रहे है. ऐसे में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि इसकी लिखित शिकायत व फोटो वीडियो को मुख्यमंत्री पोर्टल पर भेजकर गंगा की कटान से नौरंगा गांव के अस्तित्व को जनहित में बचाने की गुहार लगाई है.
(बैरिया संवाददाता शशि सिंह की रिपोर्ट)