

गाजीपुर से विकास राय
गाजीपुर जनपद में मुहम्मदाबाद-चितबड़ागांव मार्ग पर करीमुद्दीनपुर थाने के समीप मां कष्टहरणी देवी का धाम आस्था, श्रद्धा व विश्वास से सराबोर अपनी पहचान बनाये हुए है. सदैव अपनें भक्तों के कष्टों को हरने वाली देवी मां का नाम ही है मां कष्टहरणी. जिन्हें दया की सागर, ममतामयी, करूणामयी आदि रूपों की देवी भी कहा जाता है.
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इक्यावन शक्ति पीठों मे से एक प्रमुख पीठ मां दुर्गा का एक दिव्य स्वरूप है मां कष्टहरणी, जो पल भर में अपने भक्तों के दैहिक, दैविक एवं भौतिक सारे ताप व संताप हर लेती हैं. अपने दरबार में पंहुचे भक्तों की सारी मनोकामनाएं एवं मुरादें पूर्ण ही नहीं करती, बल्कि भक्तों के सभी रोग, शोक, दु:ख का शमन करके धन, धान्य एवं आरोग्यता प्रदान करती हैं.
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मां कष्टहरणी का पवित्र धाम युगो-युगो से करीमुद्दीनपुर में विराजमान है. इतिहास में जाने पर इस स्थान को युगो पूर्व दारूक वन के नाम से जाना जाता था. जिस वन में शेर, बाघ जैसे हिंसक जीव विचरण किया करते थे. मां के स्थान के बगल में बघउत बरम बाबा का स्थान है. जनश्रृतियों के अनुसार बाघ से लड़ाई के दौरान उनकी मौत हो गई थी, तभी से आप बघउत बरम बाबा के नाम से यहां पर विराजमान हैं.
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