बलिया लाइव ब्यूरो
बलिया। बीएसए ने कहा कि कुश्ती में नरसिंह के साथ अच्छा नहीं हुआ है. वह साजिश का शिकार हो गया, अन्यथा मेडल मिलना तय था. कहा कि यदि खो-खो ओलम्पिक में शामिल हुआ तो मेडल भारत को ही मिलेगा. ऐसा मानना है बीएसए डॉ. राकेश सिंह का.
ब्राजील के खूबसूरत शहरों में शुमार रियो डि जिनेरियो से लौटे बीएसए डॉ. राकेश सिंह का शनिवार को गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उप्र सह समन्वयक ज्ञानोदय अनुश्रवण एसोसिएशन द्वारा यूआरसी पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए ओलम्पिक में बतौर प्रतिनिधि शिरकत करने वाले बीएसए ने वहां की सभ्यता व संस्कृति पर विस्तार से चर्चा किया. बताया कि भारत और ब्राजील के सभ्यता में मूलभूत अंतर होने के कारण काफी कुछ परेशानियों से दो-चार होना पड़ा. मसलन, सबसे ज्यादे समस्या अभिव्यक्ति को लेकर थी. वहां की मूल भाषा ब्राजिलियन और फ्रेंच होने के कारण भारतीय मूल के खिलाड़ियों के साथ-साथ प्रतिनिधिमंडल को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. भाषाओं का ज्ञान होना बहुत जरूरी है.
बीएसए ने कहा कि जहां तक भारतीय खिलाड़ियों के परफारमेंस का प्रश्न है तो बेशक हमारे खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन किया. लोगों ने भारतीय मूल के खिलाडियों का जबरदस्त उत्साह बर्धन किया. जिमनास्टिक में अपने उम्दा प्रदर्शन से सबका ध्यान आकर्षिक करने वाली दीपा करमाकर के प्रदर्शन को देखने के लिए वहां के मूल निवासियों ने सबसे ज्यादा कीमतों पर टिकट की खरीदारी की.
ब्राजील यात्रा के अनुभवों को शेयर करते हुए बीएसए डॉ. सिंह ने कहा कि यदि हमें अधिक मेडल जीतने है तो 2020 ओलम्पिक की अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. इसमे सरकार, संस्था व व्यक्ति का संगम होना आवश्यक है. एक राष्ट्रीय स्तर पर कैम्प होने चाहिए, ताकि खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग मिल सकें. कहा कि भारत की गरिमा व महिमा में कोई कमी नहीं है. यहां की सांस्कृतिक एकता को विश्व मिसाल देता है.
इस मौके पर बीईओ सुनील कुमार व सुभाष गुप्त, अजय पांडेय, ओपी सिंह, सत्येन्द्र राय, अजय सिंह, डॉ. शशिभूषण मिश्र, संजय कुमार, विद्यासागर गुप्त, गोपालजी, अमरेश तिवारी, जितेन्द्र, प्रमोदचन्द्र तिवारी, डॉ. सुनील गुप्त, प्रेम जी चौबे, मुमताज अहमद, एहसानुल हक, ओमप्रकाश राय आदि मौजूद रहे. संचालन अब्दुल अव्वल ने किया.