नगवा से कृष्णकांत पाठक
गंगा भारत की पहचान है. सदियों से गंगा हमारे देश को अपने निर्मल एवं शुद्ध जल से सींच रही है. हमारी पेयजल, सिंचाई, तीर्थाटन सरीखी जरूरतों को पूरा कर रही है. करोड़ों लोगों को जीवनयापन के साधन उपलब्ध करा रही है. जीवनदायिनी गंगा आज प्रदूषण के कारण अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. उसका अमृत समान जल कई जगह आचमन के लायक भी नहीं बचा है. गंगा में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए भारत सरकार ने गंगा क्लीन मिशन अथारिटी का गठन किया है. योजना को चार राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं बंगाल के 1624 ग्राम पंचायतों में लागू की जाएगी. योजना के लांच के समय 100 ग्राम पंचायतों में एक साथ जागरूकता रैली निकालकर गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा. जगह-जगह विचार गोष्ठियां की जाएंगी.
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इसके लिए उत्तर प्रदेश के 959 गांव का चयन किया गया है. केवल बलिया जनपद के 41 गांव इस योजना में शामिल किए गए योजना के लांच के दिन बलिया के सांसद आदर्श ग्राम ओझवलिया एवं स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा में जागरूकता रैली एवं गोष्ठी की जाएगी. जन शिक्षण संस्थान बलिया के निदेशक ब्रह्म राम सिंह ने बताया कि गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए जागरूकता रैली निकाल कर इसके प्रति जनमानस को तैयार किया जाएगा. गंगा किनारे साक्षर भारत के सभी गांव के लोक शिक्षा केंद्रों के माध्यम से इस योजना को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा. लोक शिक्षा केंद्रों पर कार्यरत शिक्षा प्रेरकों के माध्यम से समय समय पर गांव में चर्चा कराई जाएगी और जन जागरूकता फैलाई जाएगी.