बलिया लाइव टीम
बलिया/नरही। फायरिंग में मारे गए सोहाव ब्लाक अध्यक्ष व भाजपा नेता विनोद राय के अंतिम दाह संस्कार में उमड़ा जनसैलाब. फायरिंग में मारे गए विनोद राय के परिजनों को 5,00,000 रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा जिलाधिकारी राकेश कुमार ने की.
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने नरही के थाना अध्यक्ष राजेश कुमार यादव को सस्पेंड किया. बलिया के जिलाधिकारी राकेश कुमार एवं पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा को शनिवार को देर शाम शासन ने निलंबित कर दिया. विनोद राय के भतीजे गोपाल राय की तहरीर पर बलिया के अपर जिला अधिकारी बच्चा लाल मौर्य के खिलाफ सदर कोतवाली में हत्या का मुकदमा दर्ज.
भाजपा सांसद ने की सीबीआई जांच की मांग
नरही थाने पर विधायक उपेंद्र तिवारी के साथ धरना दे रहे भाजपाइयों और पुलिस के बीच शुक्रवार को देर रात संघर्ष हो गया. मालूम हो कि पशु तस्करी के आरोपी को छुड़ाने के लिए विधायक उपेंद्र तिवारी की अगुवाई में भाजपाई धरना दे रहे थे. पुलिस ने धरनारत लोगों को हटाने के लिए बल प्रयोग किया तो पथराव शुरू हो गया. पुलिस ने पहले लाठीचार्ज फिर फायरिंग कर दी. बताया जाता है कि इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए. हालांकि मीडिया में ऐसी चर्चा है कि विधायक उपेंद्र तिवारी तीन लोगों के मरने का दावा कर रहे है. उधर, जिले के भाजपा सांसद भरत सिंह ने विनोद राय की हत्या के मामले में पुलिस को दोषी ठहराया है. उन्होंने नरही कांड की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है. जबकि पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा का दावा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आऩे के बाद ही सच्चाई का पता चलेगा. पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा है. उधर वारदात के बाद आजमगढ़ से नरही पहुंचे कमिश्नर और डीआईजी ने कहा कि पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच करवाई जाएगी. इसके बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी. उधर, नरही थानाध्यक्ष की तहरीर पर पुलिस ने भाजपा विधायक उपेंद्र तिवारी सहित 44 नामजद और 444 अज्ञात लोगों के खिलाफ इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
इसे भी पढ़ें – आखिरकार संध्या पांडेय को मिली जमानत, रिहा
फिलहाल माहौल तनावपूर्ण
पुलिस का दावा है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पथराव किया, जिसके बाद बचाव में पुलिस ने लाठीचार्ज किया गया. पुलिस ने विधायक पर एफआईआर दर्ज कार्रवाई करने की बात कही है. इस बवाल के बाद विधायक लापता बताए जा रहे हैं. हालात फिलहाल तनावपूर्ण बने हुए हैं. पुलिस की मानें तो विधायक के आरोप बेबुनियाद है. पुलिस महकमे के आला अधिकारी इस घटना में किसी के मरने की पुष्टि नहीं कर रहे हैं. वही मौके से विधायक एवं उनके समर्थक भी लापता हो गए हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि पुलिस ने विधायक और उनके समर्थकों को थाने में बंद किया है.
इसे भी पढ़ें – तीन दिन में जिले में बढ़ा दी जाएगी महिला कांस्टेबलों की तादाद