औचक निरीक्षण में जिलाधिकारी को दो दर्जन कर्मी नदारद मिले
साढे दस बजे तक रहा आबकारी दफ्तर का ताला बन्द
बलिया। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की समय से उपस्थिति जांचने का अभियान गुरुवार को चला, जब जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस ने स्वयं दस कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया. उधर, सीडीओ ने भी विकास भवन स्थित 15 कार्यालयों में उपस्थिति की स्थिति देखी. इस दौरान लापता कई दर्जन कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देने पर जिलाधिकारी ने इनका वेतन रोकने का भी आदेश दिया है. इसे भी पढ़ें – डीएम बलिया का ताबड़तोड़ जांच अभियान, कलेक्ट्रेट-ट्रेजरी में हड़कंप
गुरुवार को जैसे ही घड़ी की सुई 10 बजे के पार हुई, जिलाधिकारी अपने ही कार्यालय की उपस्थिति पंजिका को मंगवा लिये. दस मिनट तक आए कर्मियों की हाजिरी तो बनी, लेकिन उसके बाद नदारद मिलने वाले कर्मियों से स्पष्टीकरण देने का निर्देश जिलाधिकारी ने दिया.
इसके बाद 10:20 बजे जिलाधिकारी नजारत अनुभाग में गए तो वहां चपरासी जयमल प्रसाद नदारद थे. कोषागार में निरीक्षण के दौरान एकाउंटैंट राधामोहन गुप्ता, अजीत श्रीवास्तव, फकरे आलम, असगर हुसैन के अलावा विवेक सिंह अनुपस्थित थे. प्रोबेशन कार्यालय में पहुंचे जिलाधिकारी को दो कर्मचारी गायब मिले.
पंचस्थानी निर्वाचन कार्यालय में गए तो वहां कनिष्ठ लिपिक अशोक मिश्र, ओमप्रकाश सिंह व अनुसेवक प्रमोद सिंह अनुपस्थित थे. जिला बचत अधिकारी कार्यालय में प्रचार सहायक बच्चा सिंह नहीं थे. सहायक अभिलेख अधिकारी कार्यालय में अनुरेखक कालेदीन, अब्दुल मुसब्बिर, दीपक राम तथा उप संचालक चकबंदी कार्यालय में आशुलिपिक प्रियंका कुमारी गायब मिलीं. वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विज्ञान कार्यालय में अनिल सिंह व गजेंद्र सिंह अनुपस्थित मिले. चकबंदी अधिकारी प्रथम कार्यालय में अनुसेवक भुआल जी व राजेश कुमार नही थे. जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान साढे दस बजे तक आबकारी कार्यालय का ताला तक नहीं खुला था. जिस पर कडी नाराजगी जताते हुये जिलाधिकारी ने आबकारी अधिकारी से स्पष्टीकरण करण सहित तलब किया. साथ ही अन्य सभी कर्मचारियों को भी स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया.
करीब 10:42 बजे जिला पूर्ति कार्यालय पहुंचे. वहां 19 व 20 अप्रैल को पूर्ति निरीक्षक अशोक कुमार का हस्ताक्षर नहीं बना था. इन सभी अनुपस्थित कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए वेतन रोकने का आदेश जिलाधिकारी ने उनके कार्यालयाध्यक्षों को दिये हैं.