जब द्विवेदी जी के श्रद्धांजलि समारोह में अचानक पहुंचे सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त
सांसद के समक्ष ग्राम वासियों ने उठाया ध्वस्त स्मृति प्रवेश द्वार का मुद्दा
दुबहर, बलिया. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के श्रद्धांजलि समारोह के दौरान अचानक रास्ते से गुजर रहे लोक सभा सांसद वीरेंद्र सिंह ‘मस्त’ पहुंचे और आचार्य जी के चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया .
इस दौरान सभी लोगों ने एक स्वर से आचार्य जी के स्मृतियों को संजोने व जीवंत रखने के लिए ध्वस्त “स्मृति प्रवेश द्वार” गेट, पुस्तकालय, वाचनालय एवं आदमकद मुर्ति लगाने के लिए आग्रह किया जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया कि मैं अपने निधि से वाचनालय व पुस्तकालय की स्थापना कराउंगा. मुर्ति के लिए जब लोगों ने बताया कि सन् 2014 से आचार्य जी की मुर्ति राज्यसभा सांसद नीरज शेखर के झोपड़ी पर रखी हुई है,तो इस पर सांसद ने कहा कि मैं नीरज जी से बात करुंगा और उस प्रतिमा को गांव में भव्य कार्यक्रम करके अनावरण कराउंगा.
स्मारक समिति के सचिव सुशील दुबे ने तथाकथित अराजकतत्व द्वारा गेट को गिरा कर उस जगह पर अपना दुकान बनाने वाले पर कार्यवाही की मांग की जिस पर सांसद बचते नजर आये और कहा कि गेट थोड़ा आगे -पीछे भी बन सकता है जरुरी नहीं कि उसी जगह पर बने जहां पूर्व में स्थापित था.
गेट का निर्माण पूर्व सांसद भरत भाई ने कराया था, इससे कोई लेना-देना नहीं है. मैं यहां नया गेट बनाने के लिए कलक्टर से बात करुंगा और इस समस्या का समाधान शीघ्र कराउंगा.
पुस्तकालय व वाचनालय की स्थापना के लिए सांसद ने वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन राय एवं स्मारक समिति के प्रबंधक/सचिव सुशील दुबे को जिम्मेदारी सौंपी, कहा कि आप दोनों जैसे चाहेंगे वैसे ही होगा, आचार्य जी के गरिमा व सम्मान के अनुरूप कार्य होगा, धन की कमी आड़े नहीं आयेगी, जितना खर्च लगेगा मैं अपने निधि से लगाकर बलिया के गौरव आचार्य जी को अपना श्रद्धांजलि अर्पित करुंगा . इस पर उपस्थित लोगों ने करतल ध्वनि से हजारी प्रसाद द्विवेदी अमर रहे का नारा लगाया.