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रेवती(बलिया)। नगर के उत्तर टोला स्थित योगीबीर बाबा स्थल पर चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन मानस कोकिला साध्वी साधना ने कहा कि कर्म फल सभी को भोगना पड़ता है. चाहे वह गंधर्व, राक्षस, मनुष्य अथवा देवता ही क्यों ना हो. कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के पिता दशरथ को भी अपना कर्म फल भोगना पड़ा था. भले ही वह भूलवश श्रवण कुमार को मार दिए थे, लेकिन उन्हीं के माता पिता द्वारा दिए गए श्राप की वजह से उनको उनका कर्मफल भुगतना पड़ा. कहा कि किसी भी योनि में जन्म लेने वाले प्रत्येक जीव को उसको उसके कर्म के अनुसार निश्चित ही फल की प्राप्ति होती है. सत्य कर्म करने वाले को अच्छा, तथा बुरे कर्म करने वाले को बुरा कर्म फल प्राप्त होता है. तत्पश्चात साध्वी साधना ने राम कथा के अंतर्गत श्रीरामचंद्र को सीता स्वयंवर में भाग लेने की कथा सुनाई. मानस मर्मज्ञ शक्तिपुत्र महाराज ने कहा कि भगवान सर्वत्र व्याप्त है. भगवान की प्राप्ति के लिए शुद्ध मन से उनका स्मरण करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. उन्होंने कहा कि यह जरुरी नहीं कि मनुष्य को भगवान की कृपा पाने के लिए कठिन तप के लिए जाना पड़े. अपने घर में भी सच्चे मन से भगवान के प्रति आस्था तथा मनन से भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है. शक्ति पुत्र जी ने कहा कि मनुष्य को अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहना चाहिए. कर्तव्य परायणता से ही कर्म फल प्राप्त होता है.