

बलिया। गुरुवार को विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा0) के अन्तर्गत एक कार्यशाला का आयेजन हुआ. इसमें विकास खण्ड स्तर पर संचालित की जाने वाली गतिविधियों के सम्बन्ध में शौचालय निर्माण में ध्यान देने वाली बातों को समझाया गया. कार्यशाला में प्रत्येक ब्लाक से सहायक अभियन्ता (ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग/लघु सिंचाई विभाग), तकनीकी सहायक मनरेगा, प्रत्येक ब्लाक से आए राज मिस्त्री ने प्रतिभाग किया. इसमें गंगा किनारे के पांचों ब्लाकों से पांच-पांच तथा शेष 12 विकास खण्डों से दो-दो राज मिस्त्री रहे.
प्रशिक्षण में डीएम ने कहा कि शौचालय बनवाने के लिए मानक बताया गया, उसके अनुसार ही गांवों में शौचालय बनवाना सुनिश्चित करें. मिस्त्रियों से अनुरोध किया कि अगर कोई व्यक्तिगत शौचालय बनवाता है तो उसे भी इसी मानक से बनवाने को कहें. इससे कम लागत में शौचालय बनेगा और उसका लाभ भी होगा. कार्यशाला में डीपीआरओ राकेश कुमार यादव, आरईएस एक्सईएन राशिमणि मिश्रा, डीआरडीए के एई उमेशचन्द गुप्ता, नीर निर्मल परियोजना के तकनीकी सलाहकार उत्कर्ष शुक्ला, तकनीकी ने शौचालय निर्माण की तकनीकी जानकारी सभी को दी. संचालन जिला सलाहकार इसरार अहमद ने किया. इस अवसर पर डीपीसी शैलेश कुमार ओझा आदि मौजूद रहे.
इस तरह बनाएं शौचालय

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत बनने वाले व्यक्तिगत शौचालय कक्ष कम से कम 4×4 का हो. दीवाल की उंचाई कम से कम 7 फीट रखी जाय. जक्शन चैम्बर की लम्बाई, चैड़ाई व गहराई एक-एक फीट हो. दो जालीदार गड्ढा बनाया जाए. दरवाज़े का चैखठ दीवाल निर्माण के समय ही लगाया जाये. दरवाजे के बगल में दीवाल की सतह से 50 सेमी की ऊंचाई पर टंकी बनेगी, जिसकी गहराई ढ़ाई फुट होगी. शौचालय के छत आरसीसी बनेगा. शौचालय निर्माण से पूर्व नींव अवश्य बनायी जाय.