तीन हफ्ते में तीन लाशें, पुलिस के हाथ सिफर

सांकेतिक चित्र

सिकन्दरपुर (बलिया)। भरपूर प्रयास व मुखबिरों का जाल बिछाने के बावजूद थाना क्षेत्र के पश्चिमी भाग में तीन सप्ताह के अंदर मिली तीन महिलाओं की लाश की अब तक पुलिस न तो शिनाख्त करा पाने में कामयाब हुई है. नहीं कातिलों की गंध तक पा सकी है इससे आम लोग आशंकित है कि पुलिस शायद ही अपने मिशन शिनाख्त व कातिलों की तलाश में सफल हो सके.

तीसरे ही दिन दूसरी लाश मिलने से गुत्थी उलझी

कारण, किसी घटना के पर्दाफाश में जैसे जैसे विलंब होता है वैसे ही नाउम्मीदी भी बढ़ती जाती है. इन मामलों में भी विलंब आशंका जाहिर कर रहा है कि पुलिस शायद ही शिनाख्त और कातिलों की को गिरफ्त में लेने में सफल हो सके. थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव में खेत में 4 नवंबर को पहली लाश मिली थी, अभी लोगों में उसकी चर्चा जारी ही थी कि 6 नवंबर को जमालपुर गांव में खेतों की मेड़ पर एक अन्य महिला की मिली लाश ने लोगों को सकते में डाल दिया. अभी लाशों की शिनाख्त भी नहीं हो पाई थी कि 27 नवंबर को पुनः झोरीडीह गांव के समीप मिली तीसरी महिला की लाश ने लोगों को काफी कुछ सोचने पर विवश कर दिया है.

सिकंदरपुर पुलिस को सता रहा है लाशों का ‘भूत’

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आश्चर्य तो यह है कि तीनों मामलों में मौके से पुलिस को कोई ऐसा सूत्र नहीं मिला, जिससे शिनाख्त व कातिलो तक पहुंचने में मददगार साबित हो सके. मात्र तीसरी लाश के पास एक छिंटदार गमछा व दूसरे शव के कुछ कपड़े के.

तीन हफ्ते में महिला की तीसरी लाश मिलने से गुत्थी और उलझी

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