टीएस बंधे के किनारे किसानों की खेती की जमीन नदी में समाने का क्रम जारी
बांसडीह, बलिया. टीएस बंधे के किनारे के गांवों में घाघरा नदी का गांवों के किसानों की खेती की जमीन को पानी में समाहित करने का क्रम सोमवार को भी जारी रहा. हालांकि घाघरा नदी में पानी का घटाव हो रहा हैं लेकिन कटान का क्रम तेज हो गया है. सुल्तानपुर से चक्की दियर जाने वाली पीच सड़क का कुछ अधिक हिस्सा कटकर नदी में विलीन हो गया.
घाघरा नदी के किनारे के गांव सुल्तानपुर , खादीपुर, भोजपुरवा विभाग के अभियंता ने कटान रोकने के लिए कार्य शुरू कराया. प्लास्टिक की बोरियों में मिट्टी भरकर कटान स्थल पर डाला जा रहा हैं. बोरियों को प्लास्टिक की रस्सी का जाल बनाकर उसमें ही प्लास्टिक की बोरियां डाली जा रही हैं. प्रतिदिन दो से चार एकड़ खेत घाघरा नदी की कटान से पानी में विलीन हो रहा है.
कई किलोमीटर की लम्बाई में नदी किनारे कटान हो रहा हैं. शनिवार की रात से जारी तेज कटान ने सुल्तानपुर , टिकुलिया दियर, चक्की दियर, भोजपुरवा गांव के लोगों की नींद उड़ा दिया हैं. टिकुलिया दियर में कई लोग अपने रिहायशी मकान तोड़ रहें हैं. मकान तोड़कर ईंट को सुरक्षित दूर ले कर जा रहें हैं.
सोमवार को टिकुलिया के रमाशंकर राजभर, खेदन राजभर अपना पक्का मकान तोड़ रहें थे. चक्की दियर की सड़क कटने से लोग खेतों के माध्यम से गांव में जा रहें हैं. हांलांकि सड़क जहां कटी हैं वहां दोनों तरफ से बाढ़ विभाग बोरियों में मिट्टी भरकर डाल रहा है. क्षेत्र के प्रवीण सिंह विक्की, संजय सिंह परिहार, चंदन सिंह,संतोष सिंह, दीपक आदि ने कटान रोकने की मांग किया है.
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रवि शंकर पांडे की रिपोर्ट