उसके दोनों पैर गंभीर रूप से जख्मी थे. एसआई ने बताया कि बलिया से अन्य श्रद्धालुओं से भी उसके बारे में पूछताछ की जा रही है, ताकि प्राप्त कागजात के आधार पर उसकी शिनाख्त हो सके. ग्रामीणों की मानें तो घायल को यदि समय पर चिकित्सीय सुविधा मिल गई होती तो उसकी जान बच सकती थी.