बलिया. जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर जिले की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है। भाजपा उम्मीदवार सुप्रिया चौधरी और समाजवादी पार्टी से आनंद चौधरी ने कलेक्ट्रेट में शनिवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
भारतीय जनता पार्टी की जिलापंचायत अध्यक्ष की अधिकृत प्रत्याशी सुप्रिया चौधरी ने शनिवार को कलेक्ट्रेट मे अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.इस मौके पर भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे.सुबह दस बजे से नगर स्थित भाजपा कार्यालय पर भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू, विनोद राय,मंत्रीद्वय उपेंद्र तिवारी, आनंद स्वरूप शुक्ल, सुरेन्द्र सिंह,संजय यादव,धनन्जय कन्नौजिया समेत सैकड़ो कार्यकर्ताओं के बीच सुप्रिया चौधरी का पार्टी कार्यालय पर जोरदार स्वागत किया गया .सभी जनप्रतिनिधियों के साथ श्रीमती चौधरी कलेक्ट्रेट पहुंची जहां उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के सामने पर्चा दाखिल किया.
जिलाधिकारी कार्यालय प्रवेश द्वार के बाहर समाजवादी पार्टी तथा भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा .भारतीय जनता पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद के अधिकृत प्रत्याशी सुप्रिया चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन पत्र दाखिल किया .सपा के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी आनंद चौधरी ने सपा के जिला अध्यक्ष राज मंगल यादव व अन्य समर्थकों के साथ नामांकन पत्र जिलाधिकारी कार्यालय में दाखिल किया .
समाजवादी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी आनंद चौधरी अपने सैकड़ों समर्थकों व बैंड बाजे के साथ टीडी कॉलेज चौराहा पहुंचे. इसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट में पर्चा दाखिल किया. उनके साथ सपा के जिला अध्यक्ष राज मंगल यादव व प्रस्तावक मौजूद रहे। आनंद चौधरी के समर्थन में पूर्व मंत्री जियाउद्दीन रिजवी, पूर्व मंत्री नारद राय, पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी, पूर्व विधायक सनातन पांडे, पूर्व विधायक जयप्रकाश अंचल, पूर्व विधायक मंजू सिंह, पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता, सुनील सिंह, पूर्व विधायक संग्राम सिंह यादव, जमाल आलम सुभासपा नेत्री कुसुम सिंह सहित सपा के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे.
भाजपा व सपा की ओर से नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सुप्रिया चौधरी और आनंद चौधरी के बीच कड़ा मुकाबला शुरू हो गया है. बड़ी बात यह है कि यह दोनों ही उम्मीदवार दूसरी पार्टियों से आए हैं और उम्मीदवार घोषित होने से ठीक पहले इन्होंने वर्तमान पार्टी ज्वाइन की है। इस बात को लेकर दोनों ही पार्टियों के पुराने नेताओं में नाराजगी भी है हालांकि कोई भी खुल कर इसका इजहार करने से बच रहा है।
(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)