तो अब विनोद राय की ‘राय’ से चलेगी बीसीसीआई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को चलाने के लिए चार सदस्यों वाली प्रशासनिक कमेटी का गठन कर दिया है. पूर्व सीएजी विनोद राय को कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा इतिहासकार रामचंद्र गुहा, आईडीएफसी के अधिकारी विक्रम लिमये और पूर्व महिला क्रिकेट कप्तान डायना एडुजी कमिटी के सदस्य होंगे.

कोर्ट ने ये भी कहा है कि विक्रम लिमये और अमिताभ चौधरी फरवरी में होने वाली आईसीसी की बैठक में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करेंगे. कोर्ट ने खेल सचिव को कमिटी का सदस्य बनाने की केंद्र सरकार की मांग ठुकरा दी है. कोर्ट ने इसके लिए मंत्रियों और सरकारी अफसरों को दूर रखने के फैसले का हवाला दिया है.

भारत के 11वें नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक विनोद राय का जन्म 23 मई 1948 को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद इलाके के परसा गांव में हुआ था. इस पद पर वे 7 जनवरी 2008 से 22 मई 2013 तक रहे. यूपीए सरकार द्वारा किए गए लाखों करोड़ रुपये के टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला एवं कोयला घोटाला की सनसनीखेज रिपोर्टों के कारण वे चर्चा में आए थे. सम्प्रति वे संयुक्त राष्ट्र के बाहरी लेखापरीक्षकों के अध्यक्ष हैं. वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से अर्थशास्त्र में एमए हैं, इसके अतिरिक्त उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की उपाधि भी प्राप्त कर रखी है. 1972 बैच के आईएएस अधिकारी रहे विनोद राय इससे पूर्व कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं.

नए प्रशासक लोढ़ा पैनल की सिफारिशों पर नजर रखेंगे, वह देखेंगे कि बोर्ड की ओर से सिफारिशों पर कितना अमल किया गया है. प्रशासकों की कमेटी चार हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी. वहीं अब मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी. इस फैसले के बाद जस्टिस लोढ़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो चार नाम दिए गए हैं वह काफी अच्छे हैं, हमें उम्मीद है कि यह हमारी रिपोर्ट को लागू करने में मदद करेंगे. लोढ़ा ने कहा कि यह एक अंतरिम व्यवस्था की गई है.

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