गाजीपुर। जनपद में राष्ट्रीय राजमार्ग के गड्ढों मे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को शासन-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए छात्र नेता विवेकान्द पाण्डेय के विरूद्ध जिलाबदर की कार्रवाई की घोर निन्दा की. कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिन अपराधियों व अराजक तत्वों को जेल में होना चाहिए वे सत्तासीन दल का झण्डा लगाकर लग्जरी गाड़ियों में घुम रहे हैं. गुरुवार को एनएच 29 पर पेट्रोल पम्प के सामने सामाजिक संस्था समग्र विकास इण्डिया के कार्यकर्ताओं ने सड़कों की जर्जर हालत का बैनर लगाकर शासन – प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारे लगाते हुए जमकर गुस्सा उतारा.
समग्र विकास इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रजभूषण दूबे ने कहा कि वाराणसी से शुरू होकर गाजीपुर, मऊ एवं गोरखपुर होते हुए नेपाल को जोड़ने वाली बौद्ध परिपथ के गड्ढे केन्द्र सरकार के द्वारा ढाई साल में भी नहीं भरे जा सके. एक तरफ जहां गड्ढे में गिरकर लोगों के हाथ पैर टुटने व घायल होने के बाद मौते हो रही हैं. वही दूसरी तरफ एटीएम व बैंको में लाईन लगाकर भी लोग मर रहे हैं. यह सरकार की नाकामियों का सबसे बड़ा उदाहरण है.
छात्र नेता को जिले से बाहर करना नाइंसाफी
समग्र विकास इण्डिया के प्रवक्ता गुल्लू सिंह यादव ने कहा कि आए दिन बैंक से पैसे न मिलने, बिजली, ट्रान्सफार्मर, पानी आदि की समस्याओं को लेकर राजनीतिक दल व तमाम संगठन चक्का जाम करते रहते है, किन्तु कभी किसी के विरूद्ध गुण्डा एक्ट, गैंगेस्टर व जिलाबदर की कार्रवाई नहीं की गयी, किन्तु वही दूसरी ओर सड़कों की जर्जरता, बिजली, पानी को लेकर संघर्ष कर रहे विवेकानन्द पाण्डेय को मुअसं 584/15में धारा 147, 148, 149, 188, 307, 323, 332, 333, 364, 365, 359, 436, 337, 338 , 342, 353, भादवि के अलावा लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम 31 एसीएल एक्ट के अलावा गैंगेस्टर लगाकर जिलाबदर की कार्रवाई करना लोकतंत्र की सेहत के लिए अशुभ है.
करोड़ों की सड़क हुई गड्ढे में हुई तब्दील
गोपाल स्वरूप पाण्डे व मैनुद्दीन ने कहा कि जिस अरसदपुर, लावा, आरीपुर सड़क के लिए विवेकाननद ने संघर्ष किया था, जिस पर मरम्मत के लिए करोड़ों रुपये शासन ने आहरित किया था, उस सड़क में घुटने बराबर गड्ढे हो गये हैं. सारा पैसा कार्यदायी संस्था एवं सरकार / जनप्रतिधि पोषित ठेकेदारो के पेट में चला गया. जिलाधिकारी गाजीपुर के पास दम हो तो वे दोषियों पर कार्रवाई करके दिखाए. उक्त अवसर पर अनिमेष जान अनुप मिश्रा; रूद्रेश कुमार निगम, छोटेलाल यादव, रामशीष, आंशु पाण्डेय, राहुल कुशवाहा, कमला यादव, रामचन्द्र यादव, अजित दूबे, बंशराज यादव, संजय यादव आदि ने जनान्दोलन मे भाग लिया. अध्यक्षता कुम्भनाथ जायसवाल एवं संचालन रूद्रेश कुमार निगम ने किया.