सिकंदरपुर (बलिया) से संतोष शर्मा
मंगल के साथ अमंगल, शुभ के साथ अशुभ का अचानक व अप्रत्याशित दुर्योग किसी को कैसे भविष्य की दुश्चिंताओं के गर्त में डाल देता है, इसका निर्मम रूप गुरुवार की रात में थाना क्षेत्र के महथापार गांव निवासी श्रीनिवास तिवारी के परिवार में उस समय देखने को मिला, जब अपनी बहन का तिलक चढ़ा कर दादर गांव से वापस घर आ रहा उनका पुत्र अवनीश अपने सहपाठी व मित्र आशीष के साथ अचानक दुर्घटना ग्रस्त होकर काल कवलित हो गया. (हादसे की खबर विस्तार से पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक या टैप करें)
यह घटना कितना मार्मिक है इसका वर्णन करना काफी मुश्किल है. जहां गूंज रहे थे मंगल गीत, वहींं मातम पसर गया. श्रीनिवास तिवारी के यहां पुत्र की अचानक मौत की खबर परिवार वालों को मिलते ही गीत संगीत के धुन करुण क्रन्दन व चीत्कारों में बदल गए. हंसी खुशी की जगह परिवार वालों की आंखों से आंसुओं की धारा प्रवाहित होने लगी. एक ही क्षण में सब कुछ बदल गया.
उधर हादसा और शव आने की खबर सुनकर गांव वाले भी स्तब्ध रह गए. हादसा के बारे में जिसने भी सुना, उसके कदम श्रीनिवास तिवारी की आवास की तरफ बढ़ लिए. कुछ देर में ही वहां गांव वालों की भीड़ इकट्ठा हो गई. गांव का माहौल गमगीन हो गया. भीड़ में शामिल लोग आपस में तरह-तरह की चर्चाएं करने लगे. चर्चा के दौरान कुछ लोग यह भी कहते सुने गए कि कहां 28 फरवरी को परिवार में आने वाली बारात के स्वागत की तैयारी चल रही थी, कहां शव यात्रा की बात आ गई. इस स्तब्धकारी मातमी वातावरण के बीच में यह प्रश्न भी तैर रहा था कि शादी के कार्यक्रम का क्या होगा? वह स्थगित होगा या किसी विधि से खाना पूर्ति की जाएगी.