
बलिया लाइव ब्यूरो
बलिया। लापरवाही का खामियाजा आखिरकार भुगतना पड़ा. फेफना थाना क्षेत्र के गौरा मोड़ पर दबंगों के हाथों मारे गए करना नफरेपुर गांव निवासी अशोक सिंह के मामले में थानाध्यक्ष चितबड़ागांव संजय कुमार त्रिपाठी को पुलिस अधीक्षक ने लाइन हाजिर कर दिया है.
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मृतक के पुत्र शशिकांत सिंह की तहरीर पर इस मामले में एक हिस्ट्रीशीटर समेत कुल दस लोगो के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. मृतक के घरवाले बुधवार को दरवाजे पर शव रखकर डीएम व एसपी को बुलाने तथा आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए थे. बड़ी मशक्कत के बाद लगभग 24 घंटे बाद अशोक सिंह का पोस्टमार्टम हो पाया.
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परिजनों की शिकायत पर थाने पर तैनात अन्य कर्मियों पर आरोपियों को बचाने के आरोप की भी जांच करवाए जाने की घोषणा अपर पुलिस अधीक्षक ने की है. चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के करना नफरेपुर गांव निवासी अशोक सिंह की हत्या के बाद गांव में तनाव है. हालात की संवेदनशीलता के मद्देनजर एएसपी रामयज्ञ यादव, सीओ सदर बाबू लाल यादव, सीओ सिटी केसी सिंह वहां कई थानों की फोर्स एवं पीएसी के जवान के साथ डटे रहे.
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स्थानीय लोगों ने बताया कि इस महीने की पहली तारीख को ही गांव के रामनाथ यादव व मेवा यादव के मवेशी अशोक सिंह के खेत में चले गए थे, इस बात को लेकर रामनाथ यादव और अशोक सिंह के बीच जमकर तकरार हुई थी. अशोक सिंह ने अगले ही चितबड़ागांव में तहरीर भी दिया था, लेकिन पुलिस की तंद्रा भंग नहीं हुई. नतीजतन खून खराबे तक की नौबत आ गई. मृतक के भाई मनोज कुमार सिंह का आरोप है कि अगर चितबड़ागांव एसओ मामले को गंभीरता से लिए होते तो यह घटना घटित नहीं हुई होती. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है, वे घर से फरार बताए जा रहे हैं. वैसे उनके दरवाजे पर खड़ी दो बाइकों, दो बोलेरो और एक ट्रैक्टर को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है.
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