नोटबंदी के चलते परोजन वाले घरों में नींद हराम

गाजीपुर भले ही केंद्र सरकार ने शादी वाले घरों में ढाई लाख रुपये अपने खाते से निकालने के आदेश जारी कर दिए हों, लेकिन बैंकों में स्थिति लाख कोशिशों के बाद भी बदल नहीं पा रही है. जिनके घर 30 नवम्बर को ही शादी थी, उनको भी चार हज़ार रुपये देकर टरकाने का प्रयास किया जाता रहा. कहा जा रहा था कि बैंकों के पास करेंसी नहीं है.

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बता दें कि शादी के घरों में अनुमन्य धन को जारी किये जाने का दावा किया गया था. ख़ास बात यह भी रही की पहुंच वालों को दस से बीस हज़ार प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है. गाजीपुर जनपद में रुपयों को अपने खाते से निकालने के लिए भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही और लगातार दबाव बढ़ता ही जा रहा है. सबसे खराब स्थिति ग्रामीण इलाकों में है, जहां अभी पर्याप्त से बहुत कम मात्रा में ही धन पहुंच पा रहा है, भले ही लाख दावा बैंक या प्रशासन कर ले लेकिन नतीजा जस का तस है.

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वहीं एटीएम पर लम्बी लाइन की स्थिति अभी भी परेशान करने वाली ही है. बाराचंवर ब्लाक के यूबीआई समेत अन्य बैंकों पर इस समय करेंसी गायब है. अमहट, माटा, कटरिया, करीमुद्दीन पुर, लट्ठूडीह, ताजपुर, दुबिहां, ढोटारी, गोंडउर आदि शाखाओं पर भी खाताधारकों को रुपये नहीं मिल पा रहा है. अगर किसी शाखा पर पैसा मिल भी रहा है तो कुछ लोगों को ही. सुबह से लाइन में लगने के बाद नम्बर आने तक पैसा खत्म और मायूस ग्राहक घर वापस. नित्य यही प्रक्रिया चल रही है.

इसमें सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है. इस समय किसानों को खाद बीज की खरीद करनी है. आम ग्राहक भी परेशान है. इन शाखाओं पर रुपये कब आयेगा कुछ पता नहीं है. शादी विवाह वाले परिवार तो दिन भर बैंक शाखाओं के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है. इन लोगों ने आरोप लगाया की सरकार ने एलान किया था की शादी विवाह वाले परिवार को रुपये निकालने के लिए छूट मिलेगी, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. जिससॆ खाताधारकों में काफी आक्रोश है. हालात यही रहे तो खाताधारकों का आक्रोश कभी भी बाहर निकल सकता है.

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