


बैरिया (बलिया)। समाजवादी चिंतक छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र कि सातवी पुण्य तिथि उनके पैतृक गांव शुभनथही में “प्रेरणा दिवस” के रूप में मनाई गयी. इस मौके पर उपस्थित लोंगो को सम्बोधित करते हुये छोटे लोहिया के सहपाठी पूर्व प्रचार्य बैकुंठ मिश्र ने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाले लोंगो को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए. आज लोग राजनीति में काम करने के लिये संसाधनों का रोना रोते हैं. छोटे लोहिया बहुत ही साधारण किसान परिवार में पैदा हुए, गांव के पाठशाला में पढ़े. पैसे का घोर अभाव झेले, पर कभी संघर्ष का पथ नहीं छोड़े. संघर्ष के दम पर उन्होंने ने देश कि राजनीति में अपनी जगह बनायी.
इस मौके पर उनके गांव के उनके सहयोगी रहे रिटायर्ड प्रवक्ता हरिशंकर मिश्र ने कहा कि आज के राज नेता कोई पद पा जाते हैं, तो उनका ढंग बदल जाता है. छोटे लोहिया केंद्र में रेल मंत्री, पेट्रोलियम मंत्री, जहाजरानी व परिवहन मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे, पर उनमें कोई बदलाव नहीं आया. वे गांव के लोगों खासकर गरीब लोगों से गहराई से जुड़े रहे. यही वजह थी कि जब वे संसद में जो बोलते वह आम लोंगो कि आवाज बन जाती थी. वे गांव के आम लोगों खास कर गरीबों व मजदूरों की समस्याओं को ठीक से जानते थे. उनके जीवन स्तर में सुधार के लिये संसद से सड़क तक आवाज बुलंद किये. इससे पहले छोटे लोहिया के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रंद्धांजलि अर्पित कि गयी. इस मौके पूर्व प्राचार्य उमाशंकर मिश्र, विनायक मौर्य, अवध बिहारी ओझा, ताराचन्द शर्मा, राजेश मिश्र, भोला जी, प्रेम प्रकाश मिश्र, किताबुद्दीन, भोला प्रसाद, सुदामा मौर्य आदि ने विचार व्यक्त किया.
