बंदरों का आतंक शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में देख ,लोग हैं भयभीत

शासनादेश आया वन विभाग नही, नगर निकाय ,ग्राम पंचायतों से करें निवेदन

बांसडीह , बलिया. एक तरफ बंदरों का आतंक अभिप्राय बनकर रह गया है. शासन की तरफ से वन विभाग को आदेशित पत्र से जहां विभाग राहत में है ,वहीं बंदरों के आतंक से बांसडीह इलाका में दहशत का माहौल बना हुआ है.

शासन स्तर शासकीय पत्र स 24 बीएस बन (जीव)13 जनवरी को मुख्य बन संरक्षक प्रशासन (अराजपत्रित) ने सभी डीएफओ को पत्र भेजकर बन्दरो को बन्यजीव से हटा दिया गया हैं. वन विभाग को पत्र के माध्यम से आदेशित कर दिया गया है.लेकिन शहर से लगायत देहात क्षेत्र में बंदरों का आतंक जारी है. बांसडीह क्षेत्र में एक नही सैकड़ों लोगों को बंदरों ने घायल कर दिया है.

बांसडीह के रूकुनपुरा में बन्दर लगभग एक दर्जन लोगों को काटकर घायल कर दिया है।जिसमे नगेन्द्र यादव पुत्र योगेंद्र यादव,प्रेमचन्द गोड़ पुत्र स्व दलगजन गोंड ,हरेंद्र पुत्र पारसनाथ, बिनोद पुत्र कैलाश साहनी व गाँव के ही छोटेलाल यादव के गाय को बन्दर ने काटकर घायल कर दिया.
ऐसे में शासन के पत्रानुसार शहर, नगर पंचायत में बंदर परेशान करते हैं या ग्रामीण अंचल में दिक्कत आने पर नगर निकाय, ग्राम पंचायतों को प्रार्थना पत्र देकर रास्ता निकाला जा सकता है किंतु उक्त पत्र के माध्यम से केवल वन विभाग को आदेश कर देने से इसका समाधान नही हो सकता.

पीड़ित लोगों के लिए यह यक्ष प्रश्न बन कर खड़ा है. बिना किसी जानकारी के बंदरों को पकड़ना आसान नही है. वन विभाग को इतना अनुभव जरूर है कि इस तरह के आतंकी बंदरों, या परेशान करने वाले लंगूरों को कैसे पकड़ा जा सकता है. अब बांसडीह क्षेत्र में पीड़ित के अलावा अन्य लोग भी सोचने पर मजबूर हैं कि इससे निजात कब मिलेगी. जिला प्रशासन का उक्त समस्या पर ध्यान आकृष्ट करने की लोगों ने गुजारिश की हैं.
बांसडीह से रविशंकर पांडेय की रिपोर्ट

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