

बलिया। प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जी वाड़े का मामला प्रकाश में आया है. योजना में संबंधित विभागों के अधिकारी, कर्मचारी के अंदरखाने की खेल से योजना को तार-तार किया गया है. ग्रामीणों की शिकायत पर सीडीओ ने जांच का आदेश दिया है. मामला विकास खंड दुबहड़ ब्लाक अंतर्गत ग्रामसभा घोड़हरा का है.
पिछले कई दशकों से संचालित इंदिरा आवास योजना में जनपद में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया और कई मामले की जांच भी हुई तो कुछ मामले अब तक ठंडे बस्ते में है.
2014-15 में केन्द्र सरकार ने इंदिरा आवास के स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू किया. पात्र लाभार्थियों के चयन की कार्रवाई सेक (सोशल इकान्मिक कास्ट कैलकुलेशन) डाटा से लाभार्थियों की सूची सीधे संबंधित बीडीओ के लांगिन पर भेजने और इसे संबंधित ग्राम सभा की बैठक में अनुमोदन की व्यवस्था की गयी है. उधर जनपद के अधिकारी, कर्मचारी सभी नियमों को ताक पर रखकर अपात्रों को आवास देने का खेल किया.
विकास खंड दुबहड़ के ग्राम सभा घोड़हरा के भोला राम व हरेराम ने सीडीाओ को शिकायती पत्र देकर बताया कि उनका नाम सेक डाटा में था. लेकिन आवास देने के लिए सुविधा शुल्क की मांग की गई. आर्थिक तंगी के चलते वे सुविधा शुल्क नही दे सके. जिस पर पिछड़ी जाति के उन्हीं के हमनाम भोला तुरहा व हरेराम तुरहा को आवास आवंटित करते हुए उनके खाते में पहली किस्त भी भेज दिया. सीडीओं ने मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश जिला ग्राम्य विकास संस्थान के जिला प्रशिक्षण अधिकारी सुनील कुमार एवं डीसी मनरेगा को दिया है.

इस बावत पूछे जाने पर मुख्य विकास अधिकारी सन्तोष कुमार ने बताया कि दुबहड़ ब्लाक के घोड़हरा के ग्रामीणों की ओर से जाति बदल कर आवास आवंटित करने की शिकायत मिली है. इस मामले की जांच गंभीरता पूर्वक करायी जा रही है. रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.