जाने-माने रंगकर्मी सूर्यकांत तिवारी का बीते 2 जून को निधन हो गया. वे 65 वर्ष के थे. वे अपने पीछे पत्नी, बेटी और दो बेटों का भरा- पूरा परिवार छोड़ गए हैं. उन्हें दमा रोग था, जो मृत्यु का कारण बना.
बलिया जिले के गढ़मलपुर गांव के रहने वाले तिवारी जी कोलकाता के शिक्षा सदन (पोद्दार नगर) में हिेंदी के अध्यापक थे. वे वहां से प्रधानाचार्य के रूप में रिटायर हुए थे. फिलहाल कोलकाता के बांसद्रोणी इलाके में वे रहते थे. मशहूर नाटककार उषा गांगुली की संस्था ‘रंगकर्मी’ से वे करीब 20 साल से जुड़े थे.
रंगकर्मी के संस्थापकों में से एक ओम पारीक ने बताया कि सूर्यकांत तिवारी ने- लोककथा, कोर्ट मार्शल, काशीनामा, हिम्मत माई, रूदाली और मटका आदि नाटकों में जबर्दस्त अभिनय किया था. उन्होंने कई फिल्मों में भी अह्म रोल किए. सूर्यकांत तिवारी के बेटे आशीष तिवारी ने बताया कि नाटकों के सिलसिले में वे बांग्लादेश, पाकिस्तान और जर्मनी की यात्रा कर चुके थे. सूर्यकांत तिवारी अत्यंत सरल, सहज व्यक्ति थे. उन्होंने कोलकाता के भवानीपुर कालेज के ग्रेजुएशन किया था.