


धनबाद। कोयला कारोबारी संजय सिंह की हत्या के मामले में जनता मजदूर संघ के अध्यक्ष और सिंह मेंशन से जुड़े रामधीर सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. एडीजे 11 एसके पांडेय ने गुरुवार को फैसला सुनाया. इसके लिए रामधीर की हजारीबाग जेल से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की गई. रामधीर अभी विनोद हत्याकांड में हजारीबाग जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. बचाव पक्ष से अधिवक्ता अभय सिन्हा ने पैरवी की.
अदालत ने अधिवक्ता के जरिए रामधीर को फैसले की जानकारी दी. इससे पहले, आरोपियों पवन सिंह और काशीनाथ सिंह को भी साक्ष्य के अभाव में बरी किया जा चुका है. 27 मई 1996 को संजय सिंह की एसपी आवास के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस केस में संजय की पत्नी पुष्पा सिंह, सत्येंद्र जैन और राजकुमार जैन ने अदालत में गवाही दी थी. किसी ने भी रामधीर सिंह का नाम नहीं लिया था. अभियोजना साक्ष्य खुलने के बाद इन तीनों की गवाही हुई थी, लेकिन पुलिस को दिए बयान के उलट बयान उन्होंने कोर्ट में दिया. इस कारण तीनों होस्टाइल माने गए.

जिस दिन एसएसएलएनटी कॉलेज के बगल में एसपी आवास के सामने संजय की हत्या कर दी गई थी, उस दिन वे कार में सुरेश सिंह के साथ सवार होकर घर से निकले थे. गाड़ी सुरेश सिंह चला रहे थे. एसपी कोठी के पास संजय पर निशाना साधकर गोलियां बरसाई गई थीं. इस मामले में पहले पुलिस और फिर सीआईडी ने जांच की थी. दोनों ने अलग-अलग रिपोर्ट दी थी, जिसमें आरोपी भी अलग-अलग बने थे.