बलिया.अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां रह रहे भारतीय जल्दी से जल्दी अपने घर लौटने की कोशिश में हैं और इसी कड़ी में बलिया निवासी राजेश पांडेय सकुशल वापस लौट पाने में कामयाब रहे हैं. इसकी खुशी उनके चेहरे पर साफ दिख रही थी.
बलिया जिले के बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के विद्याभवन नारायणपुर ग्राम सभा स्थित छितरौली निवासी राजेश पांडेय ने स्वदेश वापसी पर खुशी जाहिर की है और सरकार को धन्यवाद कहा. उन्होंने अफगानिस्तान में फंसे रहने के दौरान अपना दर्द भी बयां किया.
राजेश पांडेय ने शनिवार को अपने पैतृक आवास बताया कि इसी साल फरवरी में वह काबुल गये थे और 22 अगस्त को भारत वापस लौट पाए. वहां हालात इतने खराब थे कि आना बहुत मुश्किल था लेकिन सरकार द्वारा सार्थक पहल रही जिससे वह परिवार के बीच लौट पाए हैं. उन्होंने कहा कि अब कभी वहां नहीं जाएंगे.
राजेश ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट से मात्र 8 किमी की दूरी पर ही नीली कंपनी स्थित है जहां 22 फरवरी 2021 को पहुँचे थे, उन्हें सरिया बनाने के डाई टर्नर के पद पर नौकरी मिल गई. माहौल बिगड़ने से स्थिति इतनी खराब हुई कि काबुल एयरपोर्ट पर जाने के लिए 8 किमी की दूरी तय करने में 10 घण्टा का समय लगा. सभी एयरपोर्ट के नार्थ गेट नंबर छः से सौ मीटर की दूरी पर ही थे कि 21 अगस्त को तालिबानियों ने सभी 150 भारतीयों को अपने चंगुल में ले लिया. सुनसान जगह पर सभी को लेकर चले गए तथा एक ही जगह बैठाकर सबका पासपोर्ट आदि जांचा. भोजन के बारे में भी पूछा गया किंतु भय के चलते किसी ने कहने की हिम्मत नहीं जुटाई. लगभग पांच घण्टा के बाद एयरपोर्ट पर सभी को छोड़ा गया. एयरपोर्ट पहुंचते ही मन में कुछ राहत मिली.
बमबारी की वजह से दहशत का माहौल बन गया
बासडीह कोतवाली के छितरौली स्थित अपने आवास में शनिवार को राजेश पांडेय ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट एवं नजदीक इलाकों में हर तरफ से धमाके की आवाज गूंज रही थी. बमबारी की वजह से दहशत का माहौल बन गया. सरकार के प्रयास से वतन में परिवार के बीच सही सलामत आ गया हूँ . राजेश की मां माया पांडेय और साथ में पत्नी ममता पांडेय ने कहा कि राजेश घर आ गया उन्हें हर खुशी मिल गई. राजेश के बच्चों अनुराग और नीलेश भी पापा की वापसी से बेहद खुश दिखे.
(बांसडीह से रविशंकर पांडेय की रिपोर्ट)