फूलपुर विधानसभा सीट: भाजपा अध्यक्ष की प्रतिष्ठा भी है यहां दांव पर

इलाहाबाद से आलोक श्रीवास्तव

इलाहाबाद जिले का फूलपुर विधानसभा सीट कई मायनों में काफी खास है. यहां देश के किसानों को खाद उपलब्ध कराने वाला इफको है. देश के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू का संसदीय क्षेत्र रहा है और वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य इसी क्षेत्र से सांसद हैं. इसलिए यह क्षेत्र कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है. भाजपा के लिए तो काफी अहम है क्योंकि इसी क्षेत्र से सांसद और प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए यदि ब्रिगेड हारी तो प्रश्न उठना स्वाभाविक है. खैर कौन हारेगा और कौन जीतेगा, ये तो जनता पर निर्भर है और सब कुछ 11 मार्च को मालूम होगा, लेकिन आंकलन तो किया ही जा सकता है.

यहां सपा ने अपने सीटिंग विधायक सईद का ही टिकट काट दिया और नए चेहरे मंसूर आलम को मैदान में उतारा है. मंसूर आलम सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी हैं. बसपा ने मसरूर अहमद को टिकट दिया है. दो मुस्लिम उम्मीदवार होने से वोट का बंटना तय है.  भाजपा ने प्रवीण कुमार पटेल को प्रत्याशी बनाया है. क्षेत्र में पटेलों की बहुलता भी है और भाजपा का अपना कैडर वोट भी. क्षेत्र में वोटरों की कुल संख्या 37,7867 है. यादव 60 हजार, पटेल 50 हजार, ब्राह्मण 40 हजार, 20 से 25 हजार के करीब मुसलमान, 15 हजार वैश्य, 12 हजार क्षत्रिय, 15-15 हजार के करीब बिंद और पाल और लगभग 20 हजार  के करीब दलित है.

नामी गिरामी लोगों का क्षेत्र होने के बावजूद यहां फैक्ट्री के नाम पर इफको के अलावा कुछ भी नहीं है. सड़क हमेशा जाम रहती है, फूलपुर बाजार को पार करना आसान काम नहीं है. बिजली आपूर्ति की हालत ये है कि कब आती है, कब जाती है, किसी को मालूम नहीं. ऐसे में रोजगार करना भी मुश्किल हो रहा है. दिक्कतें और नेताओं के वादे हजार हैं, देखना है जनता किसे सिर-आंखों पर बैठाती है.

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